पुणे के राष्ट्रीय वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट की तर्ज पर बनेगी और 19 प्रयोगशालाएं   

पुणे के राष्ट्रीय वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट की तर्ज पर बनेगी और 19 प्रयोगशालाएं   

Tejinder Singh
Update: 2020-03-05 15:44 GMT
पुणे के राष्ट्रीय वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट की तर्ज पर बनेगी और 19 प्रयोगशालाएं   

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने गुरुवार को संसद में आश्वस्त किया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार ने सभी राज्यों में कोरोना वायरस बीमारी की रोकथाम के लिए एक कार्य योजना उपलब्ध कराई गई है। साथ ही इस उभरती संक्रामक बीमारी के नैदानिक नमूनों के परीक्षण के लिए महाराष्ट्र के पुणे में स्थित राष्ट्रीय वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट की तरह 15 प्रयोगशालाएं शुरु करने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में और 19 तैयार की जा रही है।     

केन्द्रीय मंत्री ने कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बताया कि कोरोना वायरस की निगरानी के लिए एक मंत्री समूह बनाया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस मामले में नजर रख रहा है। बीमारी कोविड-19 को लेकर लोगों जागरुकता फैलाने के लिए जोखिम संचार सामग्री तैयार की गई है और व्यापक रुप से राज्यों के क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसार किया जा रहा है। इसके लिए एक कॉल सेंटर कार्यान्वित है जिस पर करीब 9200 फोन अटेंड किए जा रहे है, जिसमें 667 अंतरराष्ट्रीय कॉल भी शामिल है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि इसके अलावा कोविड-19 प्रबंधन पर सभी राज्यों और अस्पतालों के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रशिक्षण कार्यशाला की योजना बनाई गई है।

उन्होंने बताया कि इसे जिला स्तर तक भी ले जाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को उनकी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में प्रतिनियुक्त किया गया है जो वहां कि तैयारियों का जायजा लेंगे और आवश्यक मार्गदर्शन भी करेंगे। मंत्री ने कहा कि सरकार ने जिला कलेक्टर को रोकथाम कार्यों के लिए फील्ड स्तर पर नोडल अधिकारी के रुप में नामित किया है। राज्यों को जहां इसके मामले मिले है उन क्षेत्रों में एक टीम के माध्यम से नियंत्रण रखने के लिए एक माइक्रो प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिए गए है

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