30 प्रतिशत बच्चे पढ़ाई में कमजोर,शिक्षा की गुणवत्ता परखने आएगी दिल्ली की टीम

30 प्रतिशत बच्चे पढ़ाई में कमजोर,शिक्षा की गुणवत्ता परखने आएगी दिल्ली की टीम

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-12 07:25 GMT
30 प्रतिशत बच्चे पढ़ाई में कमजोर,शिक्षा की गुणवत्ता परखने आएगी दिल्ली की टीम

डिजिटल डेस्क,शहडोल। राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए हर दिशा में काम चल रहा है। इसके बाद भी जिले में कक्षा 3 से 8वीं तक के 30 प्रतिशत बच्चों को लिखना,पढ़ना और जोड़ना-घटाना नहीं आता। वहीं अंग्रेजी की बात करें तो 40 प्रतिशत बच्चे इसमें कमजोर है।

गौरतलब है कि शिक्षा के स्तर की मानीटरिंग के लिए नेशनल एचीवमेंट सर्वे भारत सरकार दिल्ली की टीम आगामी सितंबर व अक्टूबर माह में जिले का दौरा करेगी। यह टीम शासकीय स्कूलों की कक्षा तीसरी,5वीं और 8वीं के बच्चों का सेंपल टेस्ट लेगी। इसी के आधार पर स्कूल, जन शिक्षा, डीपीसी व जिले की ग्रेडिंग तैयार होगी। राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार जिले का अमला शिक्षा का स्तर सुधारने में जुटा हुआ है। जुलाई माह की समाप्ति तक जिले के 2127 स्कूलों में 1.35 लाख बच्चों का वेस लाइन टेस्ट 28 व 29 जून को लिया गया था। टेस्ट में पूछे जाने वाले सवाल राज्य शिक्षा केंद्र से जारी हुए थे। 

टेस्ट में तीन प्रकार की गतिविधियां शामिल की गई थीं। हिंदी, गणित व अंग्रेजी। इसमें बच्चों के ज्ञान, शब्द ज्ञान व व्यवहारिक स्तर की क्षमता परखी जानी थी। परिणाम आने के बाद बच्चों को ग्रुपों में बांटा गया। इनमें 3 से 8वीं के बच्चों को ज्ञान के अनुसार ग्रुपों में रखकर 1 जुलाई से 31 जुलाई तक विशेष कक्षाएं लेकर अध्ययन कराया गया। स्कूल शुरू होने के बाद स्कूल के आधे टाइम तक शिक्षकों ने पिछली कक्षाओं का रिवीजन कराया। 

मानीटरिंग में मिली त्रुटि
बेस लाइन टेस्ट में कमजोर पाए गए बच्चों को पढ़ाने के कार्य की मानीटरिंग भी की गई। 15 से 25 जुलाई तक की अवधि में डीपीसी के अलावा समस्त सीएसी, बीएसी ने क्रॉस चेक कर मानीटरिंग की। इस दौरान 3 प्रतिशत त्रुटियां भी पाई गईं। हालांकि पहले से 10 फीसदी सुधार भी आया। त्रुटियों को सुधारने के लिए 1 अगस्त के पहले तक दो कार्य किए गए। पहला कमजोर बच्चों की अलग से क्लास लेकर पुराना रवीजन कराया गया, दूसरा आधा पाठ्यक्रम भी शुरु कराया गया। इसका परिणाम सामने आया कि वेस टेस्ट में कमजोर 8 प्रतिशत बच्चों में सुधार आया।

मामले में डीपीसी डॉ. मदन त्रिपाठी का कहना है कि शासकीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारकर निजी स्कूलों की तरह बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। गतिविधि आधारित शिक्षा के लिए इस साल 214 और स्कूलों को शामिल कर लिया गया है। जून में हुए वेस लाइन टेस्ट के बाद शिक्षा के स्तर में सुधार आया है।
 

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