किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने किया बलवा परेड, 400 पुलिस जवानों ने लिया भाग

किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने किया बलवा परेड, 400 पुलिस जवानों ने लिया भाग

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-02 07:54 GMT
किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने किया बलवा परेड, 400 पुलिस जवानों ने लिया भाग

डिजिटल डेस्क, सीधी। किसान आंदोलन को लेकर जिले में जहां कलेक्टर द्वारा धारा 144 लागू कर दी गई है, वहीं पुलिस भी आंदोलन को लेकर सक्रिय हो गई है। आज पुलिस लाइन स्थित ग्राउण्ड में पुलिस द्वारा बलवा परेड का अभ्यास किया गया। जिसमें विशेष सशस्त्र बल के आधा सैकड़ा अधिकारी एवं पुलिस के 400 जवानों ने भाग लिया।

यह बलवा परेड अभ्यास पुलिस अधीक्षक तरुण नायक एवं अति. पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा की उपस्थिति में किया गया। जिसमें फुल ड्रेस बलवा परेड का अभ्यास किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक तरुण नायक ने कहा कि जिले में शांति व्यवस्था कायमकरने के लिये पुलिस गंभीर है। इसके लिये कानूनी व्यवस्था की गई है। अगर कोई भी व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेने का प्रयास करेगा उसके खिलाफ  वैधानिक कार्रवाई की जावेगी। उन्होंने आम जन से अपील की हैं कि कोई भी धरना या प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से करें तथा अपनी मांग शांतिपूर्ण ढंग से प्रशासन के समक्ष रखे तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने में सीधी पुलिस का सहयोग करें।

ज्ञात हो कि किसान आंदोलन को लेकर पूरे प्रदेश सहित सीधी जिले में भी प्रशासन सख्त हो गया है। 1 जून से 10 जून तक चलने वाले इस आंदोलन के मद्देनजर जिला कलेक्टर द्वारा धारा 144 लगा दिया गया है। आंदोलन को देखते किसी व्यक्ति या समूह व संगठनों के द्वारा आम सभा तथा रैली निकालने के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा गड़बड़ी किये जाने की आशंका के चलते लागू इस प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत कार्रवाई किये जाने का सख्त निर्देश दिया गया है।

आंदोलन का नहीं दिखा असर
किसान आंदोलन के तहत 1 जून से गांव बंद किया जाना था लेकिन आंदोलन का कोई असर नहीं दिखा है। रोजमर्रा की तरह गांव से दूध, सब्जी बाजार आई और पूरी तरह से शांति देखी गई। दरअसल में  पूर्व के भारत बंद आंदोलन को लेकर भले ही प्रशासन ने किसान आंदोलन के सिलसिले में तैयारी कर रखी हो, किंतु यहां के किसान आंदोलन करेंगे इसकी संभावना कम ही देखी जा रही है। अब भले संगठनों के नेता किसानों के नाम पर दूसरे लेागों को जमा कर आंदोलन का रूप दें लेकिन जिले के किसान किसी तरह से आंदोलित नहीं देखे जा रहे हैं। यही वजह है कि लाख आहवान के  बाद भी न तो गांव बंद हुए और ना ही गांव से दूध, सब्जियों के बाजार आने में कोई रोकटोक दिखी है

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