50 कैमरे, 40 से ज्यादा मैनपॉवर के बाद मिले सिर्फ बाघ के पगमार्क

50 कैमरे, 40 से ज्यादा मैनपॉवर के बाद मिले सिर्फ बाघ के पगमार्क

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-18 10:32 GMT
50 कैमरे, 40 से ज्यादा मैनपॉवर के बाद मिले सिर्फ बाघ के पगमार्क

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  वन विभाग ने गत दो दिन से 40 से ज्यादा मैन पॉवर बाघ के दहशत वाले गांव में लगा रखी है। 50 से ज्यादा कैमरों की मदद ली गई है, बावजूद बाघ को पकड़ना तो दूर दर्शन तक नहीं हो रहे हैं। बाघ की कोई गतिविधि तक पकड़ में नहीं आई है। इससे पहले केवल बाघ के पदचिह्न ढूंढ़ने में ही वन विभाग को सफलता मिली। ऐसे में आखिर बाघ गया कहां? ऐसा सवाल हर किसी के सामने खड़ा हो गया है। नागपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत गत 5 दिन से कलमेश्वर रोड स्थित कुछ गांवों में बाघ की दहशत बनी हुई है। यहां एक बाघ देखा गया है। बाघ ने दो मवेशियों का शिकार भी किया है। इसकी जानकारी मिलने पर नागपुर वन विभाग की टीम बाघ को ढूंढ़ने के लिए इन गांवों में पहुंची है। प्रभावित गांवों में येरला, फेटरी, बोरगांव, खड़गांव, भरतवाड़ा और माहुरझरी शामिल है। इन गांवों के जंगली इलाकों में बाघ को ढूंढ़ा जा रहा है, लेकिन वन विभाग को कोई सफलता नहीं मिली है। 

स्पेशल टाइगर फोर्स भी तैनात 
बता दें कि बाघ के सर्च अभियान में नागपुर की रेस्कयू टीम, सेमिनरी हिल्स की टीम, कलमेश्वर वन विभाग की टीम, यहां तक स्पेशल टाइगर फोर्स भी लगाई गयी है। पेंच से बुलाई गई स्पेशल टाइगर फोर्स की टीम तो रातभर गांवों में डेरा डाले हुए हैं। इतने बड़े पैमाने पर सर्च अभियान के बावजूद बाघ का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। 

गांव के लोग दुविधा में 
वन विभाग के दिग्गजों ने मिलकर गांव वालों को बाघ से बचाने के लिए हाल ही में उक्त गांवों के सरपंच व उप-सरपंचों के साथ बैठक की, लेकिन बाघ के दर्शन दुर्लभ होने से गांव के लोग बाघ की मौजूदगी को लेकर दुविधा में हैं।

अभी कुछ पता नहीं चला
बाघ के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। बड़ी संख्या में मैन पॉवर सर्च अभियान में लगाया गया है। सोमवार को मामूली गतिविधि भी पकड़ में नहीं आई है।  - विजय गंगावने, आरएफओ, वन विभाग, नागपुर
 

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