520 करोड़ के कैमरे अपराधियों को पकड़ने में हो रहे नाकाम

520 करोड़ के कैमरे अपराधियों को पकड़ने में हो रहे नाकाम

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-17 07:32 GMT
520 करोड़ के कैमरे अपराधियों को पकड़ने में हो रहे नाकाम

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नागपुर सेफ एंड स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर भर में 520 करोड़ की लागत से लगाए गए सीसीटीवी (क्लोज सर्किट टेलिविज़न कैमरा) भी अपराधियों को पकड़ नहीं पा रहे हैं। शहर में तीन स्थानों पर अपराधी वाहनों की तोड़फोड़ करते रहे और पुलिस को भनक तक नहीं लग पाई। जाहिर है सीसीटीवी कैमरों का कोई औचित्य ही जैसे नहीं। अपराधी खुलेआम घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे इसलिए लगाए गए हैं और लगाए जा रहे हैं कि शहर में कहीं पर भी कोई अप्रिय घटना होते रहने पर पुलिस तत्काल उस जगह पर पहुंच कर आरोपियों की धरपकड़ कर सके। 

रात की तस्वीरें धुंधली

सूत्रों के अनुसार, स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के सिटी ऑपरेशन सेंटर में सीसीटीवी पर नजर रखने के लिए रात के समय पुलिस विभाग के कर्मचारी नहीं रहते हैं। सुबह 10 से शाम 6 बजे तक इस सेंटर में सिर्फ यातायात सिग्नल को जंपिंग करने वाले वाहन चालकों पर विशेष नजर रखी जाती है। शहर में लगे सीसीटीवी में रात के समय की तस्वीरें व वीडियो काफी धुंधली नजर आती हैं। यही कारण है कि रात के समय इस सेंटर में पुलिस के जवान तैनात नहीं रहते हैं। 

171 मामले ही सुलझा सकी पुलिस

इन सीसीटीवी को स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के तहत बाढ़, भूकंप व अन्य आकस्मिक घटना होने पर उसके बारे में पता लगाया जा सके, इसलिए लगाया गया था। दुर्घटनाएं, हत्या, चोरी, लूटपाट, डकैती, चेन स्नैचिंग जैसी वारदातें होने पर आरोपियों की धरपकड़ हो सके, इसलिए इन कैमरों को लगाया गया है। पिछले दो माह में 1030 प्रकरण स्मार्टसिटी सेंटर के पास सीसीटीवी फुटेज के लिए आए थे, इसमें से पुलिस 171 मामले को सुलझाने में सफल हुई। सेंटर की ओर से दावा यह भी किया जा रहा है िक किडनैपिंग, मर्डर, गुमशुदा, डकैती, लूटपाट के मामले भी इसमें शामिल हैं। शहर में अपराधियों की गतिविधियों पर ये खुफिया कैमरे नजर रखने में असफल हो रहे हैं। 

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