गुजरात दंगों के 7 आरोपी जबलपुर पहुंचे

गुजरात दंगों के 7 आरोपी जबलपुर पहुंचे

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-12 08:01 GMT
गुजरात दंगों के 7 आरोपी जबलपुर पहुंचे

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विधिक सेवा के माध्यम से शहर में करना होंगे समाजसेवा से जुड़े काम
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
गुजरात के गोधरा में वर्ष 2002 के बहुचर्चित दंगों में दोषी पाए गए 17 में से सात आरोपी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जबलपुर पहुंच गए हैं। इन सातों आरोपियों को शहर में रहकर समाजसेवा करना होगी। शेष दस आरोपी इन्दौर पहुंचकर समाजसेवा कर रहे हैं। वे कितने दिनों या महीनों तक शहर में रहेंगे, फिलहाल इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। गौरतलब है कि गुजरात के गोधरा जिले के सरदारपुरा में वर्ष 2002 में हुए दंगों में 33 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। मामले को लेकर गुजरात पुलिस ने 76 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 2 की जांच के दौरान मौत हो गई थी जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था। निचली अदालत ने 31 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 2016 में गुजरात हाईकोर्ट ने निचली अदालत से दोषी करार 31 में से 17 दोषियों की सजा बरकरार रखी थी। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने विगत 28 जनवरी को सभी 17 दोषियों को जमानत का सशर्त लाभ दिया था। बैंच ने दोषियों को दो समूहों में बांटते हुए कहा था कि सभी 17 आरोपी मध्य प्रदेश के जबलपुर और इन्दौर शहर में जाकर सामाजिक और आध्यात्मिक सेवा करें। सुप्रीम कोर्ट ने एक समूह के दस आरोपियों को इन्दौर और दूसरे समूह के 7 आरोपियों को जबलपुर भेजने कहा था। साथ ही राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देशित किया था कि सभी दोषियों से एक हफ्ते में 6 घंटे समाजसेवा कराई जाए और दोषियों को आजीविका के लिए रोजगार खोजने में मदद भी कराई जाए।
पहले दी सिविल लाईन्स थाने में आमद 
 सभी 17 आरोपियों को सुको ने जमानत देते हुए कहा था कि उन सभी को स्थानीय पुलिस स्टेशन में हर हफ्ते हाजिरी लगाना होगी। इसी आदेश के पालन में सभी सातों आरोपियों ने जबलपुर पहुंचकर सिविल लाईन्स थाने में सुको के आदेश के साथ आमद दर्ज कराई।
हर तीन माह में देना होगी सुको को रिपोट
 सुप्रीम कोर्ट के सशर्त आदेश के परिप्रेक्ष्य में सभी आरोपियों द्वारा किए जाने वाले सामाजिक कार्यों की रिपोर्ट हर तीन माह में सुप्रीम कोर्ट को भेजना होगी। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने आरोपियों के आने के बाद अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सुको को भेज भी दी है।
एहतियात के तौर पर पहचान रखी है गुप्त 
जबलपुर पहुंचे सभी आरोपियों की पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी गई है। प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार इन्दौर पहुंचे दस आरोपियों के साथ हुई बदसलूकी की घटना सामने आई थी। जबलपुर आए आरोपियों को किसी भी प्रकार की कोई विपरीत परिस्थिति का सामना न करना पड़े, इसलिए उनसे संबंधित जानकारियां गुप्त रखी जा रही हैं।
इनका कहना
कराएंगे समाजसेवा और लोकहित के कार्य
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर जबलपुर आए सातों आरोपियों से समाजसेवा और लोकहित से जुड़े विभिन्न प्रकार के
कार्य कराए जाएंगे। साथ ही यह प्रयास भी किए जाएंगे कि कैसे उन्हें वापस समाज की मुख्य धारा में वापस लाया जाए और कैसे वे अपने रोजगार के अवसर सृजित कर सकें।
गिरीबाला सिंह, सदस्य सचिव मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
 

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