हॉस्टल में रखी पानी की टंकी में डूबने से 8 साल के छात्र की मौत, संचालक ताला डालकर फरार

हॉस्टल में रखी पानी की टंकी में डूबने से 8 साल के छात्र की मौत, संचालक ताला डालकर फरार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-30 09:13 GMT
हॉस्टल में रखी पानी की टंकी में डूबने से 8 साल के छात्र की मौत, संचालक ताला डालकर फरार

डिजिटल डेस्क छतरपुर/ हरपालपुर । नगर में अवैध रूप से संचालित एक रहवासी छात्रावास में रखी पानी की टंकी में डूबने से एक 8 वर्षीय मासूम छात्र की दर्दनाक मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गुरुवार रात 8 बजे के करीब तीसरी कक्षा में पढऩे वाला छात्र कपिल प्रजापति पिता राकेश प्रजापति निवासी सरसेड़ पानी की टंकी में उतराता हुआ मिला। पानी की टंकी में मिले छात्र को आनन-फानन में इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रहपालपुर ले जाया गया, जहा चिकित्सकों ने उसे नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रैफर कर दिया। नौगांव लाते समय रास्ते में बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात 8 बजे के करीब बच्चा हॉस्टल की छत के ऊपर वाले बाथरूम में टायलेट करने के लिए गया। बाथरूम में पानी न होने पर बच्चा मग लेकर पानी निकालने के लिए पानी की टंकी पर चढ़ा और वह उसी मेें गिर गया।
माता पिता करते है मजदूरी
सरसेड़ निवासी मासूम बालक कपिल के माता-पिता झांसी में मजदूरी का काम करते हैं। कपिल का एक छोटा भाई अपने माता पिता के साथ ही रहता है। गुरुवार की देर रात जब कपिल के बारे में उसके माता पिता को जानकारी दी गई। तो उनके होश उड़ गए। कलेजे के टुकड़े के दुनिया में न रहने से कपिल के माता पिता का रो- रो कर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि हॉस्टल संचालक एक बच्चे की फीस 25 हजार रुपए वसूल करता है। जबकि सुविधाओं के नाम पर हॉस्टल में किसी तरह की व्यवस्था नहीं रहती हैं।
हॉस्टल संचालक फरार
घटना के बाद से शिवा हॉस्टल का संचालक अनुज द्विवेदी हॉस्टल में ताला लगाकर फरार हो गया है। लोगों का कहना है कि हॉस्टल में बच्चों की सुरक्षा से संबधित किसी भी तरह के प्रबंध नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 3 साल पूर्व भी शिवा हॉस्टल में रह रही एक मासूम बच्ची के साथ प्राचार्य द्वारा की गई ज्यादती का एक वीडियो वायरल हुआ था। उस समय भी प्रशासन ने हॉस्टल प्रबंधन के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की थी।
सड़क पर मिले बच्चे
शुक्रवार की सुबह हॉस्टल संचालक हॉस्टल में रहे रहे अन्य बच्चों को बाहर निकालकर हॉस्टल में ताला लगाकर फरार हो गया। हॉस्टल से निकाले जाने के बाद मासूम बच्चे नगर की सड़कों पर भूखे प्यासे घूमते रहे। हलांकि बाद में सड़क और रेलवेे स्टेशन में घूम रहे मासूम बच्चों को पुलिस अपने साथ थाने लेकर आई और एक- एक बच्चे के माता पिता को सूचना देकर बच्चों को उनके परिजनों से सुपुर्द कर दिया।
संचालक की लापरवाही से मासूम की मौत
हॉस्टल में रह रहे बच्चों की माने तो हॉस्टल में किसी तरह के सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। शिवा हॉस्टल में विभिन्न आयु वर्ग के करीब 30 से अधिक बच्चे रहते हैं। जबकि हॉस्टल में 20 बच्चों के रखने की सुविधाएं है। लोगों का कहना है कि पैसों की लालच में बच्चों के साथ हॉस्टल संचालक द्वारा अत्याचार किया जाता है। लोगों का कहना है कि अगर हॉस्टल में सुरक्षाकर्मी तैनात होते तो यह घटना नहीं होती। 
इनका कहना है
व्जिस हॉस्टल में मासूम बालक की मौत हुई है। वह छात्रावास शासन का नहीं है। निजी छात्रावास के संचालन के लिए हमारे विभाग से किसी तरह की अनुमति नहीं ली जाती है।
- एसके शर्मा, डीईओ
जल्द एफआईआर होगी
व्बच्चे की मौत के मामले में मर्ग कायम किया गया है। हॉस्टल संचालक पर जल्द केस दर्ज करेंगे। शुक्रवार को संचालक बच्चों को हॉस्टल से निकालकर ताला लगाकर भाग गया है। उन सभी बच्चों को हमने एकत्रित कर उनके मां-पिता के सुपुर्द किया है। मर्ग डायरी नौगांव से हरपालपुर भेजी जा रही है। जिस पर आगे की एफआईआर दर्ज की जाएगी।
- एसएन सिंह बघेल, एसडीओपी नौगांव
घर-घर संचालित हो रहे आवासीय स्कूल : हरपालपुर जिले का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का एकमात्र ऐसा कस्बा है, जहां हर दूसरे घर में आवासीय स्कूल या हॉस्टल संचालित हो रहा है। यहां दो कमरों में आवासीय स्कूल और हॉस्टल संचालित होते हैं। उत्तरप्रदेश की सीमा से लगा होने का फायदा इस कस्बा के शिक्षा माफिया भरपूर उठा रहे हैं। न पानी, न शौचालय और न अन्य जरूरी व्यवस्थाएं और आवासीय स्कूल संचालित होते हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस कस्बे में वर्तमान में 80 से 90 आवासीय स्कूल और हॉस्टल संचालित हो रहे हैं। इस अवैध कारोबार पर वर्ष 2011 में तत्कालीन डीईओ ने कार्रवाई करते हुए कई स्कूलों की मान्यता खत्म कर दी थी। इसके बाद भी इस अवैध कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ा।

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