आग का गोला बनी उप्र राज्य परिवहन की बस, गियर बॉक्स में लगी आग

आग का गोला बनी उप्र राज्य परिवहन की बस, गियर बॉक्स में लगी आग

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-12 08:12 GMT
आग का गोला बनी उप्र राज्य परिवहन की बस, गियर बॉक्स में लगी आग

डिजिटल डेस्क छतरपुर। नेशनल हाईवे 75 में शुक्रवार की दोपहर एक यात्री बस में देखते ही देखते आग लग गई। जब तक लोग कुछ समझ पाते बस आग का गोला बन गई। बस स्टाफ की सूझबूझ से यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। बस में लगी आग को बुझाने के लिए अग्निशामक यंत्र का उपयोग किया गया, लेकिन इसमें गैस न होने के कारण आग और फैल गई। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस बल, फायर ब्रिगेड और प्रशासन मौके पर पहुंचा।

उप्र राज्य परिवहन की यह बस राठ से छतरपुर आ रही थी, तभी गौरगाय के पास हादसा हुआ। गियर बॉक्स में लगी आग उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम राठ डिपो की बस (क्रमांक यूपी 93 टी 1960) राठ से सुबह 11 बजे छतरपुर के लिए रवाना हुई। बस दोपहर करीब 2 बजे छतरपुर के निकट गौरगाय पहुंची।

बस में 20 यात्री सवार थे 
बस के गियर बॉक्स से अचानक धुआं उठने लगा। बस चालक रफी उल्ला खान स्थिति को भांप गया और उसने कंडक्टर सुरेन्द्र सिंह से कहा कि तत्काल यात्रियों को बस से नीचे उतारें। बस ड्राइवर और कंडक्टर की सूझबूझ से यात्री तुरंत बस के नीचे उतर गए। बस चालक रफी उल्ला ने बस को सड़क से नीचे खाई में उतारकर वह बस से नीचे आ गया। इसी बीच बस आग की लपटों में तब्दील हो गई। बस में लगाए गए अग्निशामक यंत्र से कंडक्टर और ड्राइवर ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन इसमें गैस न होने के कारण अग्निशामक यंत्र ने काम ही नहीं किया।

इधर यात्रियों, गौरगाय के लोगों ने ओरछा रोड पुलिस व फायर ब्रिगेड को सूचना दी। घटना की जानकारी मिलने पर ओरछा रोड थाना प्रभारी मुकेश शाक्य, नायब तहसीलदार ओपी गुप्ता व पुलिस बल मौके पर पहुंचा। उधर फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंची और धू-धू कर जल रही बस पर पानी की बौछार कर आग पर काबू पाया गया। 

जरा सी चूक से होता दूसरा पन्ना हादसा 
गौरगाय के पास हुए इस बस हादसे में एक बार फिर बड़ी चूक उजागर हुई है। इस हादसे में बस स्टाफ अगर जरा सी चूक कर देता तो यहां बड़ी जनहानि होती। करीब तीन साल पहले जिस तरह पन्ना नेशनल पार्क में रनेहफॉल के पास हुई बस दुर्घटना में 35 यात्री जिंदा जल गए थे, यहां भी इसी तरह की गंभीर दुर्घटना होती, क्योंकि इस बस में भी आकस्मिक सुरक्षा गेट काम नहीं कर रहा था। बस की फिटनेस भी बेहद खराब थी। बस के पीछे का दरवाजा भी नहीं खुल रहा था। इसके बाद भी यह बस धड़ल्ले से दौड़ रही थी। इसकी फिटनेस को जांचने का काम न तो उप्र परिवहन विभाग ने किया और न ही मप्र परिवहन ने प्रदेश के मार्ग पर इसकी कभी चैकिंग की है।

 

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