नकली नोट चलाने वाला गिरोह धराया, 32.25 लाख के नकली नोट जब्त, 4 गिरफ्तार

नकली नोट चलाने वाला गिरोह धराया, 32.25 लाख के नकली नोट जब्त, 4 गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-05 08:43 GMT
नकली नोट चलाने वाला गिरोह धराया, 32.25 लाख के नकली नोट जब्त, 4 गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क अकोला। 8 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 तथा 500 रुपए के नोट बंद कर दिए थे। पड़ोसी देश पाकिस्तान से भारत में आनेवाले नकली नोटों को रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई थी तथा कालेधन को रोकने के लिए कार्रवाई की वकालत की गई थी, लेकिन एहतियात के बावजूद पुरानी प्रक्रिया फिर आरंभ हो गई है। वर्तमान में चल रहे नोटों की धड़ल्ले से छपाई कर नकली नोट भारतीय मुद्रा बाजार में चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज अकोला शहर में 500 व 100 रुपए के नकली नोट चलाने वाले गिरोह को पकड़ने में  पुलिस ने कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया है जबकि 1 महिला आरोपी अब भी फरार बताई जा रही है। इन आरोपियों के पास से 32 लाख 25 हजार के नकली नोट समेत 41 लाख 22 हजार 600 रुपए की सामग्री जप्त की गई है। अकोला जिले में नकली नोट पकड़े जाने की नोट बंदी के बाद की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। 

पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यवर्ती बस स्थानक परिसर में दो लोग 500 व 100 रुपए के नकली नोट चला रहे हैं ऐसी गुप्त जानकारी अकोला पुलिस के विशेष दल को प्राप्त हुई। जिसके बाद विशेष दल ने बस स्थानक पहुंचकर टाटा झेस्ट वाहन की तलाशी ली। जिसमें पुलिस को 500 तथा 100 रुपए के नकली नोटों के बंडल मिले। जिनकी गणना 32 लाख 25 हजार रुपए की गई। इन नोटों के साथ ही 1700 रुपए के असली नोट भी बरामद किए गए हैं। आरोपियों के पास से 25 हजार रुपए मूल्य के 6 मोबाईल हैण्डसेट, 7 लाख रुपए मूल्य की एमएच 21 एआर 2667 क्रमांक की टाटा झेस्ट चार पहिया गाड़ी तथा एमएच 30 एवाई 2733 क्रमांक की 70 हजार रुपए मूल्य की यूनिकान टू विलर, 500 रुपए का चाकू, 200 रुपए मूल्य की रस्सी, 100 रुपए की कैंची तथा 100 रुपए की लोहे की राड समेत 7 लाख 15 हजार 100 रुपए मूल्य की अतिरिक्त सामग्री जप्त की गई है। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें से 3 यवतमाल जिले के जबकि फरार समेत 2 वाशिम जिले के बताए जा रहे हैं।

आरोपियों में भारती पुरा कारंजा निवासी 30 वर्षीय आसीफ खां शौकत खां, दारव्हा तहसील के ग्राम वरुट निवासी कमल अफसर शाह, दिग्रस तहसील के ग्राम कलगांव निवासी मोहम्मद शाकीर अब्दुल वकील एवं दिग्रस तहसील के ही मोती नगर निवासी हुसैन बग्गू गारवे का समावेश है। मानोरा तहसील के ग्राम उमरी की निवासी 27 वर्षीय रीना नामक महिला आरोपी फरार बताई जा रही है।  यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक एम.राकेश कलासागर, अपर पुलिस अधीक्षक विजयकांत सागर के मार्गदर्शन में विशेष दल प्रमुख हर्षराज अलसपुर ने सहयोगियों की मदद से की। 

गिरोह को पकड़ने की चुनौती 
इतने बड़े पैमाने पर यदि नकली नोट अकेले अकोला शहर में चलाए जाने की योजना थी तो निश्चित तौर पर भारी मात्रा में नकली नोटों की छपाई की गई होगी। यह नकली नोट कहां छापे जा रहे हैं? कब से यह गोरख धंधा चल रहा है तथा अब तक कितने नकली नोट बाजार में चलाए गए? इस गोरखधंधे में कितने लोग शामिल है? इसकी खोज अकोला पुलिस के लिए चुनौती है। पकड़े गए आरेापियों से पूछताछ में काफी खुलासा हो सकता है, लेकिन एक आरोपी के फरार होने से संबंधित दल को पुलिस कार्रवाई की खबर निश्चित लग चुकी होगी और वे पूरी प्रक्रिया को समेटने में जुट गए होंगे। इसलिए सही आरोपियों तक पहुंचना पुलिस के लिए चुनौती है। 

कैसे करते थे हेराफेरी 
आरोपियों ने 500 रुपए तथा 100 रुपए के हूबहू असली दिखने जैसे नकली नोट छापे। इन नोटों को आधी कीमत पर या कहीं कहीं 30 प्रतिशत रकम पर बेच दिया जाता था खरीदनेवाला व्यक्ति ऐसे नकली नोट बाजार में चला कर असली नोट की पूरी कीमत वसूल कर भारतीय मुद्रा बाजार में तबाही फैला रहे थे। आज 32 लाख की जो रकम पकड़ी गई वह सिर्फ 10 लाख रुपए में दी जानेवाली थी ऐसी अपुष्ठ जानकारी है।

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