शादी के लिए डाला दवाब तो प्रेमी ने हत्या कर दफनाया, कई दिनों से लापता थी 19 वर्षीय युवती

शादी के लिए डाला दवाब तो प्रेमी ने हत्या कर दफनाया, कई दिनों से लापता थी 19 वर्षीय युवती

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-19 12:41 GMT
शादी के लिए डाला दवाब तो प्रेमी ने हत्या कर दफनाया, कई दिनों से लापता थी 19 वर्षीय युवती

डिजिटल डेस्क, अनूपपुर। भालूमाड़ा थानान्तर्गत सिकटा टोला में निवास करने वाली 19 वर्षीय युवती 3 जुलाई से लापता थी। आसपड़ोस व रिश्तेदारों के यहां पतासाजी करने के बाद भी जब उसकी कोई सूचना नहीं मिली तो 10 जुलाई को युवती के फुफेरे भाई ने थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने गुमशुदा युवती की खोजबीन प्रारंभ की तो चौकाने वाली बाते सामने आई। 8 दिनों की मशक्कत के बाद पुलिस ने गुमशुदा युवती का शव बरामद करते हुए हत्यारे रामलाल कोल व उसके साले कमलेश कोल को भी गिरफ्तार कर लिया। 

रामलाल के साथ युवती का प्रेम संबंध था। शादी के लिए मृतिका के द्वारा जब दवाब डाला गया तो रामलाल ने उसका गला घोंट दिया। बाद में अपने साले की मदद से शव को दफना दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 

नाबालिग उम्र से थे प्रेम संबंध
मृतिका शांति यादव पिता स्व. मैकू यादव के संबंध में जब पुलिस ने पतासाजी प्रारंभ की तो शुरूआती जांच में ग्रामीणों ने बतलाया कि लगभग 15 वर्ष की उम्र से ही शांति और रामलाल के प्रेम संबंध थे। 3 जुलाई को भी ग्रामीणों ने शांति और रामलाल को एक साथ बात करते हुए भी देखा था। साथ ही दोनों के बीच में किसी बात को लेकर कहासुनी भी हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने रामलाल की तलाश तेज कर दी। घटना के बाद से ही रामलाल भी अपने घर नहीं गया। जिसे मुखबिरों की मदद से पकड़ा गया।

एसपी ने दिए निर्देश 
पुलिस की शुरूआती पड़ताल और ग्रामीणों के बयान को पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह को बताया गया। जिसके बाद एसपी द्वारा एसडीओपी कोतमा  के निर्देशन में भालूमाड़ा थाना प्रभारी आरके वैश के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया और जांच हेतु आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। साथ ही मुखबिरों को सक्रिय कर रामलाल की गिरफ्तारी व पूछताछ के लिए निर्देशित किया। 

आरोपी ने खोले राज
3 जुलाई से ही लगातार रामलाल पुलिस से बचने के लिए फरार रहा। 16 जुलाई को मुखबिरों से मिली सूचना के बाद थाना प्रभारी व उनकी टीम ने रामलाल को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की तो पहले वह पूरे मामले से खुद को अनभिज्ञ बतलाता रहा। किंतु जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सारे राज खोल दिए। आरोपी ने बतलाया कि उसका और मृतिका का प्रेम संबंध बीते चार वर्षों से चल रहा था। इस बीच वह विवाह करने के लिए भी कह रही थी। पहले रामलाल द्वारा शांति को बालिग हो जाने तक की बात कहकर विवाह के लिए टालता रहा, लेकिन शांति के बालिग हो जाने के बाद वह उस पर दवाब डालने लगी थी। जिससे परेशान होकर उसने यह  वारदात को अंजाम दिया। 

धान रोपने के बहाने बुलाया साले को
रामलाल ने बतलाया कि 3 जुलाई को शांति को उसने  मिलने के लिए शिव सागर तालाब के पास बुलाया था। जहां  शांति ने शादी नहीं करने पर पुलिस में रिपोर्ट कर देने की धमकी भी दे डाली थी। जिसके बाद रामलाल शांति को लेकर अपने घर चला गया और रात्रि 9 बजे शांति के दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया। पहले उसने शांति के शव को घर के पीछे पड़े गोबर के ढेर में छिपा दिया जिसके बाद अपने ससुराल छुलहा में फोन कर साले कमलेश कोल को यह कहकर लतार बुलवाया कि खेत में धान की रोपाई करनी है।

4 जुलाई को कमलेश अपने जीजा की मदद करने के लिए लतार पहुंचा, जहां कमलेश को अपने विश्वास में लेकर रामलाल ने शव को बोरे में भरकर सायकल से कोनी गडई नाला के पास दफना दिया। जिसे 18 जुलाई की शाम कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में उत्खनन कर निकलवाया गया। साथ ही धारा 302, 201, 34 भादवि  के तहत रामलाल व कमलेश को गिरफ्तार किया गया। हत्या के खुलासे में एसआई आस्तीक खान, एएसआई आरके शुक्ला, प्रधान आरक्षक चोखे लाल मलैया, रूपेश अहिरवार, शिव कुमार, संजय द्विवेदी, विवेक त्रिपाठी की भूमिका सराहनीय रही।

समझाईश के बाद परिजनों ने अपनाया शव
18 जुलाई को पुलिस द्वारा निकलवाए गए शव की पहचान मृतिका के परिजनों द्वारा शांति के रूप में की गई, किंतु उन्होंने शव को अपने साथ ले जाने से इंकार कर दिया। जिसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि शांति के प्रेम संबंध दूसरी जाति के युवक के साथ थे। यदि उन्होंने अंतिम संस्कार किया तो समाज से बहिष्कृत न हो जाए। जिसके बाद थाना प्रभारी राकेश वैश ने ग्राम के प्रबुद्धजनों के सामने ही परिजनों को समझाईश दी और वे शव को अपनाने के लिए तैयार हुए। 19 जुलाई को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों द्वारा शव का अंतिम संस्कार किया गया।

इनका कहना है
युवती की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी जिसके बाद पतासाजी में हत्या का खुलासा हुआ। दोनो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं टीम को 5 हजार रुपए का नगद पुरस्कार भी दिया जाएगा। 
तिलक सिंह, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर

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