आपली बस पर रोज लाखों का डाका, 10 सेटअप प्वाॅइंट पर जमा होती है दिनभर की काली कमाई

आपली बस पर रोज लाखों का डाका, 10 सेटअप प्वाॅइंट पर जमा होती है दिनभर की काली कमाई

Tejinder Singh
Update: 2020-02-02 10:01 GMT
आपली बस पर रोज लाखों का डाका, 10 सेटअप प्वाॅइंट पर जमा होती है दिनभर की काली कमाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा की आपली बस सेवा घाटे में चल रही है। इसके पीछे कंडक्टर द्वारा राजस्व की चोरी एक बड़ा कारण है। इसमें निलंबित कंडक्टर्स गिरोह की सक्रिय भूमिका निभाने का बड़ा खुलासा हुआ है। वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कंडक्टर्स को रूट पर चेकर्स के मौजूदगी की सूचना देकर सतर्क किया जाता है। बस कंडक्टर और गिरोह की मिलीभगत से मनपा के रोज 5 लाख रुपए राजस्व पर "डाका" डाला जाने की जानकारी सामने आई है। इस पर रोक लगाने के लिए मनपा के परिवहन विभाग द्वारा दो दल गठित किए गए हैं। यात्रियों से पैसा वसूली कर अपनी जेब भरने वाले कंडक्टर्र को बर्खास्त करने का परिवहन समिति ने निर्णय लिया है।
मनपा का परिवहन विभाग शहर में आपली बस सेवा देता है। बसों का संचालन, कंडक्टर, ड्राइवर की आपूर्ति के लिए अलग-अलग एंजेंसियांे के साथ अनुबंध किया गया है। बस सेवा का संचालन करने वाली एजेंसी को मनपा किलोमीटर के हिसाब से भुगतान करती है। यात्रियों से वसूल की जाने वाली रकम मनपा का राजस्व है। इस राजस्व पर कंडक्टर्स के डाका डालने से मनपा का नुकसान बढ़ गया है। मनपा को हर महीने दो करोड़ रुपए के राजस्व की चपत लगाए जाने का अनुमान है।

आपली बस सेवा से निलंबित कंडक्टरों ने अपने अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। आपली बस के कंडक्टर्स को वाट्स एप ग्रुप में एड कर रखा है। इस ग्रुप में टिकट जांच के लिए निकले चेकर्स और परिवहन विभाग के अधिकारियों की पल-पल की जानकारी देकर कंडक्टर्स को सतर्क किया जाता है। जिस रूट पर जांच करने वाला कोई नहीं है, उसकी भी सूचना दी जाती है। कंडक्टर्स को पल-पल की सूचना मिलने से जिस रूट पर जांच करने वाला कोई नहीं है, उस रूट पर यात्रियों को टिकट दिए बिना कंडक्टर्स पैसा अपनी जेब में डाल लेते हैं। बिना टिकट दिए यात्रियों से वसूल किया गया पैसा जमा करने के लिए 10 केंद्र बनाए गए हैं, इसे "सेटअप प्वाॅइंट" नाम से जाना जाता है। रात में इसका बंटवारा किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि इस गोरखधंधे में सक्रिय भूमिका निभाने वाले गिरोह के सदस्य को प्रतिदिन 350 रुपए दिए जाते हैं। इस गोरखधंधे में शहर में 8-10 ग्रुप सक्रिय बताए जाते हैं। इन ग्रुप में 50 से अधिक सदस्य जुड़े होने की जानकारी मिली है।

बात पते की

इससे पहले शहर बस सेवा वंश निमय करती थी। 200 बसों के संचालन से प्रतिदिन 22 से 25 लाख रुपए राजस्व आता था। मनपा परिवहन विभाग 327 बसों का संचालन कर रही है। प्रतिदिन 18 से 20 लाख रुपए राजस्व जमा हो रहा है। वंश के मुकाबले डेढ़ गुना से अधिक बस चलाकर भी राजस्व में कमी आई है।

5 दिन में 8 कंडक्टर निलंबित

निलंबित कंडक्टर्स के वाट्सएप ग्रुप से जुड़कर मनपा को राजस्व का चूना लगा रहे 8 कंडक्टर्स को निलंबित किया गया है। अन्य कंडक्टर्स की खोजमुहिम शुरू कर दी गई है। इसके बाद जो कंडक्टर ग्रुप से जुड़ा मिलेगा, उसे बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया है।

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