दस्यु सरगना बबुली कोल की शरण में पहुंचे फारेस्ट की कस्टडी से फरार टाइगर की हत्या के तीनों आरोपी

 दस्यु सरगना बबुली कोल की शरण में पहुंचे फारेस्ट की कस्टडी से फरार टाइगर की हत्या के तीनों आरोपी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-18 08:00 GMT
 दस्यु सरगना बबुली कोल की शरण में पहुंचे फारेस्ट की कस्टडी से फरार टाइगर की हत्या के तीनों आरोपी

डिजिटल डेस्क, सतना। फारेस्ट की कस्टडी से फरार टाइगर की हत्या के तीनों आरोपी क्या अब साढ़े 5 लाख के अंतरराज्यीय गैंग लीडर बबुली कोल की शरण में हैं। वन विभाग से जुड़े भरोसेमंद सूत्रों के एक दावे के मुताबिक ऐसा ही है। फरार तीन आरोपियों से एक अमिरती निवासी रज्जन कोल पिता ढुकहा कोल असल में बबुली का करीबी रिश्तेदार है। इन्हीं सूत्रों ने बताया कि धारकुंडी थाना क्षेत्र के तराई के एक गांव कजरा में रज्जन के साथ फरार राजेश उर्फ धीरु मवासी और ज्वाला सतनामी की मुलकात गैंग लीडर बबुली की मुलाकात शुक्रवार की सुबह हुई। 

आया सशर्त हाजिर कराने का संदेश 
सूत्रों ने बताया कि बबुली ने वन विभाग के अफसरों को इस आशय का संदेश भी भिजवाया है कि अगर आरोपियों के खिलाफ दर्ज टाइगर की हत्या का अपराध खत्म कर दिया जाता है तो तीनों आरोपियों को हाजिर करा दिया जाएगा। आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के अलावा अभिरक्षा से फरारी पर मझगवां थाने में आईपीसी से सेक्शन -224 के तहत भी मुकदमा कायम है। विधिक मामलों के जानकारों ने बताया कि गैंग लीडर की ये शर्त अव्यवहारिक और असंभव है। आरोपी फारेस्ट रिमांड से भागे हैं। 

आखिर किसकी थी बोलेरो
माना जा रहा है कि 15 और 16 मई की दरमियानी रात वन विभाग के मझगवां स्थित रेंज आफिस से फरार होने में एक बोलेरो गाड़ी का भी उपयोग किया गया था। ये बोलेरो आखिर किसकी थी? ये भी एक सवाल है। ये गाड़ी तीनों आरोपियों को लेकर बांका और पिपरावन होते हुए कजरा गांव तक गई थी। इस आशय का भी एक दावा सामने आया है कि बाघ के कत्ल के आरोपियों को मझगवां के जिस रेंज आफिस के कक्ष में रखा गया था, वो उस कक्ष के रोशनदान से नहीं भागे। आरोप है कि ध्यान भंग करने के लिए इस तरह की स्थितियां निर्मित की गईं। दावा किया गया है कि तीनों आरोपियों को भगाने के लिए कक्ष का दरवाजा खोला गया था?

क्या, कर रहा था गजराज 
सूत्रों की मानें तो जिस रात को बाघ की हत्या के तीनों आरोपी भागे उस वक्त अमिरती निवासी गजराज कोल भी मौजूद था। ये वही गजराज है, जिसे डुडहा नाले में बाघ की हत्या के फौरन बाद तीन अन्य आरोपियों के साथ हिरासत में ले लिया गया था। आरोप थे कि गजराज की बेटी की शादी में आए मेहमानों की खातिरदारी के लिए ही जंगल में सांभर या फिर चीतल के शिकार के लिए करंट का जाल फैलाया गया था, मगर इसी गजराज को अंतत: वन विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने ये कह कर क्लीन चिट दे दी कि जिसके घर बेटी की शादी हो वो ऐसा नहीं कर सकता है।

इन्हीं सूत्रों ने बताया कि रेंज कार्यालय के जिस कक्ष के अंदर आरोपी हिरासत में रखे गए थे, उसकी कक्ष के बाहर गजराज ने धूनी रमा रखी थी। उसने स्वयं के साथ आरोपियों और मझगवां वन परिक्षेत्र के दो बड़े अफसरों के लिए भोजन भी पकाया था। खास बात ये भी थी कि आरोपियों की फरारी के बाद भी गजराज कोल मौके से टस से मस नहीं हुआ। 

तराई में उतारी गईं पुलिस की 2 पार्टियां 
वयस्क नर बाघ की हत्या के फरार तीनों आरोपियों की तलाश में वन विभाग की मदद के लिए पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया है। पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने बताया कि आरोपियों की तलाश के पुलिस की दो अलग-अलग पार्टियां बनाई गई हैं। इसके अलावा आरोपियों के यूपी की सीमा में घुसने की आशंका के मद्देनजर उत्तर प्रदेश की चित्रकूट पुलिस से भी संपर्क साधा गया है। 

एसडीओ के खिलाफ भी शासन को भेजा गया प्रस्ताव 
इसी बीच सीसीएफ अतुल खेरा ने बताया कि टाइगर की हत्या और हत्या के तीनों आरोपियों की फरारी के मामले में लापरवाही पर चित्रकूट के एसडीओ वीपी तिवारी के खिलाफ भी कार्यवाही का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। उल्लेखनीय है एसडीओ तिवारी स्वयं इस मामले के न केवल जांच अधिकारी थे, बल्कि न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की कोर्ट से तीनों आरोपियों को वही 16 मई तक वन अभिरक्षा में अपने साथ लाए थे। इस मामले प्रथम दृष्टया दोष सिद्ध पाए जाने पर मझगवां रेंजर के अलावा 3 वन रक्षकों को फौरन सस्पेंड कर दिया गया था, सीसीएफ ने बताया कि बाघ की हत्या से पहले मझगवां रेंज में ही आधा दर्जन सांभर के शिकार और एक सांभर की लाश मिलने के मामले की नए सिरे से जांच कराई जाएगी। जांच के दौरान वन विभाग के मैदानी अमले की संलिप्तता और इलाके में शिकारियों की सक्रियता को भी ध्यान में रखा जाएगा।

एसपी से शिकायत 
उधर शुक्रवार को बाघ की हत्या के वन अभिरक्षा से भागे तीन से एक आरोपी ज्वाला सतनामी की भाभी रूकमणी ने एसपी रियाज इकबाल से मिलकर मझगवां वन रेंज के अधिकारियों पर निर्दोष परिजनों से मारपीट कर पैसे छीनने और प्रताडि़त करने के आरोप लगाए। रूकमणी ने आरोप लगाए कि उनके देवर की फरारी बता कर वन अधिकारियों ने एक और फर्जी मुकदमा गढ़ दिया है।
 

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