नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी आरक्षक को उम्र कैद - 20 हजार रुपए जुर्माना

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी आरक्षक को उम्र कैद - 20 हजार रुपए जुर्माना

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Update: 2019-09-13 08:54 GMT
नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी आरक्षक को उम्र कैद - 20 हजार रुपए जुर्माना

डिजिटल डेस्क जबलपुर । पॉक्सो की विशेष न्यायाधीश इंदिरा सिंह ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी ग्वारीघाट थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक मयंक तिवारी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश ने आरोपी पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि पीडि़ता को देने का आदेश दिया गया है। 
गिरफ्तारी वारंट लेकर आया था आरक्षक
अभियोजन के अनुसार 13 मई 2017 को एक नाबालिग किशोरी ने अपनी दादी के साथ पहुंचकर ग्वारीघाट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में कहा गया कि एक साल पहले उसके पिता का चेक बाउंस का गिरफ्तारी वारंट लेकर ग्वारीघाट थाने में पदस्थ आरक्षक मयंक तिवारी उनके घर आया था। आरक्षक ने उसकी मम्मी से गिरफ्तारी वारंट पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा तो उसकी मम्मी ने मना कर दिया। आरक्षक उसकी मम्मी का मोबाइल नंबर ले गया। कुछ दिन तक उसकी मम्मी और आरक्षक के बीच व्हाटसअप में चैट होने लगी। फिर आरक्षक उसके घर आने लगा। आरक्षक उसकी मम्मी के साथ कमरे में घंटों रहता। यह सिलसिला दो-तीन महीने तक चलता रहा। 
नशीली गोली खिलाकर करता था जबरदस्ती 
किशोरी ने रिपोर्ट में बताया कि एक दिन उसकी मम्मी ने उसे जबरदस्ती आरक्षक के साथ कमरे में भेज दिया। आरक्षक ने नशीली गोली खिलाकर उसके साथ जबरदस्ती की। इसके बाद एक साल तक आरक्षक उसे नशीली गोली खिलाकर जबरदस्ती करता रहा। विशेष लोक अभियोजक स्मृतिलता बरकड़े ने तर्क दिया कि आरोपी एक लोकसेवक है। उसने अपने पद का दुरूपयोग कर नाबालिग के साथ जबरदस्ती की है। ऐसे मामले में कठोर सजा दी जाना चाहिए। सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरक्षक को उम्र कैद और 20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
 

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