तालाब को प्रदूषित कर रहे पावन पेयजल प्लांट पर छापा

तालाब को प्रदूषित कर रहे पावन पेयजल प्लांट पर छापा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-20 08:13 GMT
तालाब को प्रदूषित कर रहे पावन पेयजल प्लांट पर छापा

डिजिटल डेस्क छतरपुर । शहर के महल के सामने प्रताप सागर तालाब के किनारे लंबे समय से पावन मिनरल वाटर प्लांट का संचालन अवैध ढंग से किया जा रहा है। प्लांट संचालक अनिल बरसैंया द्वारा प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी को सीधे तालाब में डाला जा रहा था। इस मनमानी की शिकायत मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को की गई। इस पर इस विभाग के सागर स्थित कार्यालय से वैज्ञानिक सतीश चौकसे ने SDM रवीन्द्र चौकसे, खाद्य एवं औषधि नियंत्रण अधिकारी संतोष कुमार तिवारी व राजस्व अमले के साथ इस प्लांट पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान प्लांट संचालक द्वारा न केवल तालाब को प्रदूषित किया जाना पाया गया बल्कि लोगों की जान से खिलवाड़ करना भी पाया गया।

पैकिंग की नहीं मिली तारीख 
पावन मिनरल वाटर प्लांट में पानी के पाउच का निर्माण करना पाया गया। यहां पर जो पानी के पाउच मिले इनमें पैकिंग की तारीख नहीं मिली। इन पाउच पर केवल एक माह तक पीने योग्य लिखा है। इस बात का उल्लेख ही नहीं है कि इसकी पैकिंग कब की गई। इस पर खाद्य एवं औषधि निरीक्षक संतोष कुमार तिवारी द्वारा पानी के पाउच के सैंपल लिए गए जिन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। श्री तिवारी ने बताया कि पावन मिनरल प्लांट का उनके विभाग में पंजीयन ही नहीं है। 

स्थानीय अधिकारियों की चुप्पी पर संदेह, तालाब में डाल रहे गंदा पानी 
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड केे अधिकारियों ने जो सबसे बड़ी गड़बड़ी यहां पर पाई इसमें प्लांट संचालक द्वारा प्लांट से निकलने वाला गंदा पानी सीधे तालाब में डालते हुए पाया गया। इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने प्लांट संचालक को कड़ी फटकार लगाई। इसके साथ ही इस प्लांट संचालक द्वारा पानी की बोतलें तालाब के गंदे पानी में धोना पाया गया। इससे लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना पाया गया।

घर-घर जो पानी भेजा जा रहा है इस पानी की बोतलों को तालाब के काईयुक्त पानी में धोने से लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर विपरीत प्रभाव की आशंका व्यक्त की गई। इस प्लांट द्वारा मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भी पंजीयन नहीं कराया है। गौरतलब है कि यह प्लांट अनिल बरसैंया के मार्गदर्शन में सीताराम गुप्ता व मुश्ताक अहमद द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस प्लांट द्वारा प्रताप सागर तालाब को प्रदूषित किए जाने की खबर दैनिक भास्कर से प्रमुखता से प्रकाशित की थी।

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