कोविड-19 में एड्स पीडि़तों को ज्यादा परेशानी, न दवाई मिल रही, न ही न्यूट्रिशन

कोविड-19 में एड्स पीडि़तों को ज्यादा परेशानी, न दवाई मिल रही, न ही न्यूट्रिशन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-16 08:51 GMT
कोविड-19 में एड्स पीडि़तों को ज्यादा परेशानी, न दवाई मिल रही, न ही न्यूट्रिशन

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोविड-19 की वहज से वैसे तो दुनिया परेशानी में है लेकिन एड्स पीडि़तों के लिए यह ज्यादा लकलीफदेह है।  एक याचिकाकर्ता द्वारा उठाई गए ऐसे मामले पर जस्टिस संजय यादव तथा जस्टिस मो. फहीम अनवर की युगलपीठ ने कहा है कि एड्स पीडि़त व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को लेकर जिला कलेक्टर को अभ्यावेदन दे सकते हैं, जिस पर वे विधि अनुसार कार्रवाई करेंगे। जिसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया, जिसे युगलपीठ ने स्वीकार कर मामले का पटाक्षेप कर दिया। दायर याचिका में कहा गया कि कोरोना महामारी के कारण एड्स पीडि़तों को दवाइयाँ तक नहीं मिल रही हैं। 
मौजूदा समय में ऐसे मारीजों को अधिक न्यूट्रिशन की आवश्यकता है। एड्स पीडि़तों के लिए महाराष्ट्र के 26 जिलों में 87 तथा आँध्र प्रदेश के 13 एआरटी सेंटर्स में 47 सेंटर्स हैं। मध्य प्रदेश में एड्स पीडि़तों के लिए सिर्फ 18। याचिका में राहत चाही गई थी कि एड्स पीडि़तों को दो हजार रुपये नकद तथा 25 किलो अनाज प्रतिमाह दिया जाये। इनके अलावा उन्हें अधिक न्यूट्रिशन दिया जाये तथा ऑनलाइन दवाई भेजने की भी व्यवस्था की जाये। सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने याचिकाकर्ता के आग्रह को स्वीकार करने के बाद मामले का निराकरण कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शन्नो शगुफता खान ने पैरवी की।

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