एक और दाना मांझी: सीधी में शव वाहन नहीं मिलने से परिजन बाइक पर ले गए शव

एक और दाना मांझी: सीधी में शव वाहन नहीं मिलने से परिजन बाइक पर ले गए शव

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-22 07:30 GMT
एक और दाना मांझी: सीधी में शव वाहन नहीं मिलने से परिजन बाइक पर ले गए शव

डिजिटल डेस्क,सीधी। ओडिशा का दाना मांझी तो आपको याद ही होगा। जो अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण अपनी पत्नी के शव को कंधे पर रखकर पैदल ही चल पड़ा था। देशभर में इस तरह के कई और मामले सामने आए जब अस्पताल की अंसवेदनशीलता देखने को मिली। ताजा मामला सीधी से आया है जहां एंबुलेंस नहीं मिलने पर परिजन मजबूरी में युवती के शव को बाइक पर  ले गए। 

गौरतलब है कि शनिवार को भी जिला मुख्यालय के गांव पड़रा से पांच किमी तक शव को बांस बल्ली के सहारे ले जाया गया है वहीं आज मझौली थाना के तिलवारी गांव में एक युवती के शव को बाइक पर रखकर 18 किमी दूर तक परिजन ले गए। बताया जा रहा है कि सोमवार को मझौली थाना क्षेत्र के ग्राम तिलवारी में 17 साल की सविता ने खुदकुशी कर ली थी। पोस्टमार्टम कराने के लिए शव वाहन की व्यस्था न होने पर परिजन शव को बाइक पर रखकर 18 किलोमीटर दूर मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। जहां पोस्टमार्टम के बाद फिर उसी तरह शव को मोटर सयाकल में बांधकर गांव ले जाया गया है।  

बता दें कि शव वाहन को बांस-बल्ली या बाइक में ले जाने की घटना को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह टेकाम ने विधायक निधि से शव वाहन तो दिया है, लेकिन चालक न होने के कारण उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। दूर दराज गावों की बात छोड़ दें तो जिला मुख्लालय के आसपास भी शव वाहन की कमी देखी जा रही है।

जिले में शव वाहन की कमी के चलते हो रही किरकिरी को देखते हुए नीलकंठ सेवा समिति बहरी ने चंदा कर शव वाहन खरीदा है। पिछले दिनों कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में शव वाहन को प्रशासन को सौंपा गया। शव वाहन की कमी पर दूसरे दानदाता भी वाहन देने तैयार हैं, लेकिन चालक की कमी के चलते स्वास्थ्य विभाग मनाही कर रहा है। इस संबंध में जिला कांग्रेस महामंत्री ज्ञान सिंह चौहान ने भी शव वाहन देने की इच्छा जताई थी, लेकिन साथ में चालक देने की स्वास्थ्य विभाग की शर्त पर मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

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