इस शहर में 6 तिराहे, पर चौराहा एक भी नहीं, जानिए क्यों ?

इस शहर में 6 तिराहे, पर चौराहा एक भी नहीं, जानिए क्यों ?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-23 17:07 GMT
इस शहर में 6 तिराहे, पर चौराहा एक भी नहीं, जानिए क्यों ?

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। अनूपपुर शहर प्रदेश का ऐसा इकलौता शहर है, जिसमें एक भी चौराहा नहीं है। 3 किलोमीटर लम्बाई वाले जिला मुख्यालय में 6 तिराहे हैं। शहर की आबादी 18 हजार है, जबकि मतदाताओं की संख्या सिर्फ 11 हजार है। शहर को रेलवे लाइन बराबर दो भागों में बांटती है और इसे जोड़ने के लिए एक मात्र रेल फाटक है जो अक्सर बंद रहता है। शहर की जनता इसे नासूर के नाम से पुकारती है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोतवाली है जिसका कार्य क्षेत्र शहर के अलावा आसपास के आधा सैकड़ा गांव हैं। मजे की बात यह कि अनूपपुर की कोतवाली को जैतहरी तहसील के दो गांव पगना और खोलहईया पर भी अपनी थानेदारी चलाने का गौरव हासिल है।

शहर में 6 तिराहे

शहर के चार प्रवेश द्वार हैं। शहडोल की ओर से आने पर अंडरब्रिज तिराहा, तो इसके विपरीत कोतमा की ओर से आने पर सामतपुर तिराहा, और अमरकंटक, जैतहरी की ओर से आने पर क्रमश: अमरकंटक तिराहा और इंदिरा तिराहा शहर की पहचान हैं। शेष दो तिराहे कोतवाली और रेलवे लाइन के आर-पार है। शहर पूरी तरह से रेलवे लाइन के समानांतर बसा हुआ है।

शहर को विभाजित करती है रेलवे लाइन

इस शहर को रेलवे लाइन दो भागों में बांटती है। अंडरब्रिज तिराहे से लेकर सामतपुर तिराहा वाले क्षेत्र में 8 वार्ड हैं, जबकि रेलवे लाइन दूसरी ओर 7 वार्ड हैं। इस तरह कुल 15 वार्डों के इस शहर में यदि रेलवे स्टेशन पर उतरे यात्री को जिला हॉस्पिटल जाना हो तो उसे रेलवे फाटक पार करके जाना होगा। मुश्किल उस समय खड़ी होती है, जब दूर-दराज गांव से आए हुए मरीजों को भी रेल फाटक बंद रहने का खामियाजा भुगतना पड़ता है।

संभाग की इकलौती टॉकीज

शहर कितना भी छोटा क्यों न हो लेकिन पूरे संभाग की एकमात्र टॉकीज होने का गौरव इसे हासिल है। गौरतलब है कि पुराने शहडोल जिला को विभाजित कर उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिला बनाये गये थे और इन्हीं तीन जिलों का शहडोल संभाग बनाया गया है। उमरिया, शहडोल में कोई टॉकीज नहीं है। वहां के सिनेमा देखने के शौकीनों को अपना शौक पूरा करने अनूपपुर ही आना पड़ता है।
 

 

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