अनूपपुर: परंपरागत पद्धति के स्थान पर ड्रिप पद्धति से उगाए फूलगोभी से कमाया भारी मुनाफा

अनूपपुर: परंपरागत पद्धति के स्थान पर ड्रिप पद्धति से उगाए फूलगोभी से कमाया भारी मुनाफा

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-02-08 08:16 GMT
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डिजिटल डेस्क, अनूपपुर। खेती के परंपरागत तरीकों के स्थान पर अब किसान ड्रिप पद्धति से खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं और इस पद्धति से खेती करके भारी मुनाफा कमा रहे हैं। इसमें उन्हें शासन से भी वित्तीय एवं तकनीकी मदद मिल रही है।

जिले के कोतमा विकासखण्ड के ग्राम लालपुर के रहने वाले किसान श्री उमेष साहू ऐसे ही एक किसान है, जिन्होंने परंपरागत तरीके के स्थान पर ड्रिप पद्धति अपनाकर खेती में भारी मुनाफा कमाने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए उमेश का रुझान शुरु से उद्यानिकी फसलों की खेती की ओर रहा है। परंपरागत तरीके से खेती करने में उन्हें खास लाभ नहीं हो रहा था। इसलिए उन्होंने उद्यानिकी विभाग से मदद मांगी। उद्यानिकी विभाग ने उन्हें खेतीबाड़ी के लिए ड्रिप सिस्टम हेतु अनुदान उपलब्ध कराया। इतना ही नहीं, उन्हें तकनीकी मार्गदर्षन के साथ पावर टिलर एवं पावर स्प्रे पम्प भी दिया गया। फलस्वरूप उन्होंने ड्रिप पद्धति से उद्यानिकी फसलों की खेती शुरु कर दी।

उमेष ने वर्ष 2020-21 में ड्रिप पद्धति से मात्र 0.250 हेक्टेयर रकबे में दस हजार रुपये की लागत से फूलगोभी की खेती की शुरुआत की। इससे उन्हें 40-45 क्विंटल फूलगोभी का उत्पादन प्राप्त हुआ, जिसकी बिक्री से उन्हें 60 हजार रुपये की आमदनी हुई। उमेष ने इस रकम का उपयोग कई जरूरी कार्यों में किया। वह फसल का और उत्पादन बढ़ाने में लगे हुए हैं।

ड्रिप पद्धति से फसल का उत्पादन बढ़ने से उत्साहित उमेष कहते हैं कि परंपरागत तरीके से खेती करने में विषेष फायदा नहीं था। लेकिन जैसे ही उन्होंने ड्रिप पद्धति से खेती की शुरुआत की, तो फायदा बढ़ता गया। उनके लिए ड्रिप पद्धति फायदेमंद सिद्ध हो रही है। सहायक संचालक उद्यानिकी श्री बी.डी. नायर ने बताया कि ड्रिप पद्धति फसलों का उत्पादन बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है। इससे उद्यानिकी फसलें लेने वाले किसानों को भरपूर फायदा हो रहा है।

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