स्टेशन से निकलते ही खतरनाक स्ट्रीट डॉग्स से होता है सामना, अब तक कई राहगीरों को कर चुके हैं घायल
स्टेशन से निकलते ही खतरनाक स्ट्रीट डॉग्स से होता है सामना, अब तक कई राहगीरों को कर चुके हैं घायल
मालगोदाम, सर्किट हाउस नम्बर 2, कल्चुरी होटल और सिविल लाइन में धमाचौकड़ी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । किसी भी शहर का रेलवे स्टेशन शहर का एंट्री प्वॉइंट होता है। यहाँ पहुँचते ही यदि स्ट्रीट डॉग्स आपको घेर लें और हमला कर दें तो निश्चित ही इससे शहर के प्रति आपकी छवि सही नहीं बन पाएगी। ऐसे में यदि आप शहर के सबसे पॉश ऐरिया में रहते हो और रात में आते-जाते यदि सड़कों पर आपको आवारा कुत्ते खदेड़ देते हों तो इससे भी आप खुद अपने ही शहर और यहाँ प्रशासनिक अमले के प्रति अच्छे भाव नहीं पैदा कर पाएँगे, लेकिन हो ऐसा ही रहा है। आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या के कारण दूसरे शहरों से आने वाले लोग तो परेशान हो ही रहे हैं, साथ ही स्थानीय रहवासी भी हलाकान हैं।
रेलवे स्टेशन से सिविल लाइन की ओर बढ़ते ही सबसे पहले तो सर्किट हाउस क्रमांक 2 के सामने ही स्ट्रीट डॉग्स से सामना हो जाता है। यहाँ सड़क किनारे चलने वाली होटलों, चिकन, मटन की दुकानों से इन डॉग्स को खाने की भरपूर सामग्री मिल जाती है जिससे ये मोटे और तंदुरुस्त हो गए हैं और रात होते ही ये आक्रामक रुख अख्तियार कर लेते हैं। जैसे ही कोई पैदल यहाँ से निकलता है या फिर दो पहिया वाहन में तो एक साथ दर्जन भर कुत्ते उसे घेर लते हैं और एक तरह से हमला कर देते हैं। कल्चुरी होटल के सामने और सिविल लाइन चौक से डिलाइट की ओर जाने पर भी ऐसा ही होता है। स्टेशन से मालगोदाम की ओर जाने पर भी हर तरफ आवारा कुत्ते नजर आते हैं और सीधे हमला कर देते हैं। अब तो यह रोज की समस्या बन गई है।
चिल्लाया तो लोगों ने बचाया
वेटरनरी कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. एलएलबी राव ने दूरभाष पर बताया कि वे 2 दिन पहले स्टेशन से डिलाइट की ओर जा रहे थे तभी 8-10 कुत्तों ने हमला कर दिया जिससे वे स्कूटर से गिर गए। कुत्ते हमला करने वाले ही थे कि चीखने की आवाज से कई लोग दौड़े और कुत्तों को भगाया। प्रो. राव खुद भी सिविल लाइन में रहते हैं और उनका कहना है कि पोस्ट ऑफिस की तरफ कई लोग कुत्तों को खाना खिलाते हैं यह अच्छा है, लेकिन इन पर नियंत्रण जरूरी है वरना बड़े हादसे होंगे। गोविंद भवन हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी अशोक कुमार ने बताया िक उनकी कॉलोनी में भी आवारा कुत्तों पर नियंत्रण जरूरी है।