एटीएम लूट-मर्डर केस: बंद फेसबुक आईडी को सर्च करने पर आ गए थे पुलिस के रडार पर

एटीएम के सामने कर रहे थे डांस, वीडियो हुआ वायरल एटीएम लूट-मर्डर केस: बंद फेसबुक आईडी को सर्च करने पर आ गए थे पुलिस के रडार पर

Abhishek soni
Update: 2022-02-24 17:25 GMT

डिजिटल डेस्क जबलपुर। गोराबाजार थाना क्षेत्र के तिलहरी स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एटीएम में लूट-मर्डर मामले में िगरफ्तार किए गए वाराणसी के मनोज पाल और सुनील तक पहुँचने के लिए पुलिस की तकनीकी जाँच काफी कारगर साबित रही। एटीएम मशीन में स्वैप किए गए मनोज के कार्ड में उसकी िडटेल तो मिली मगर मोबाइल नंबर लगातार बंद था। इसलिए पुलिस उनकी पुख्ता पहचान नहीं कर पा रही थी, लेकिन जब मोबाइल नंबर से संचालित होने वाली सोशल साइटों को चैक किया गया तो पता चला उक्त नंबर से 2017 तक सुनील पाल अपना फेसबुक अकाउंट चलाता था। िजसने दिसम्बर 2017 में सिर्फ एक बार फेसबुक अकाउंट खोलकर प्रोफाइल चैक की थी, जिसके बाद से मनोज और सुनील पुलिस के रडार पर पूरी तरह आ चुके थे।
शर्ट से हुई पहचान
सुनील के फेसबुक अकाउंट में उसकी प्रोफाइल फोटो डली हुई थी, वही शर्ट उसने वारदात के िदन भी पहनी हुई थी। इसके अलावा सुनील और मनोज की जो पुरानी तस्वीरें फेसबुक में थीं, उनका मिलान घटना के बाद िमली तस्वीरों से कराया गया था। जिससे उनकी पुख्ता पहचान कर ली गई।
रिवॉल्वरों का ट्रायल लेने जाते थे डुमना
रिमांड पूछताछ में मनोज और सुनील ने पुलिस को बताया िक गाँव में वे लोग बचपन से छर्रे वाली बंदूक और रिश्तेदारों की लायसेंसी बंदूक-रिवॉल्वरें चलाते रहते थे। इसलिए फायरिंग करना अच्छी तरह जानते थे। िजन िरवॉल्वरों से उन दोनों ने वारदात को अंजाम िदया था, वो वे लोग वाराणसी से खरीदकर लाए थे। रिवॉल्वरों का ट्रायल लेने के लिए दोनों कई बार सुबह 4 से 5 बजे के बीच डुमना के जंगल में भी गए थे। उल्लेखनीय है कि बुधवार की रात पुलिस ने दोनों की िनशानदेही पर िरवॉल्वरें और लूट गई कैश पेटी बिलहरी स्थित चैतन्य िसटी के पीछे से जब्त कर लीं थीं।
24 घंटे खेत में छिपी रही पुलिस
मनोज और सुनील का पीछा करते हुए जब जबलपुर पुलिस वाराणसी पहुँची तो स्थानीय पुलिस की मदद से िमले मुखबिर ने बताया िक दोनों एक साथ घर पर नहीं रहते हैं। इसलिए दोनों को एक साथ दबोचने के लिए पुलिस 24 घंटे तक खेत में छिपी रही। पकड़े जाने के बाद आरोपियों ने बताया िक गाँव वालों को किसी तरह का शक न हो इसलिए वे दोनों अलग-अलग रहकर गाँव वालों से िमलते-जुलते रहते थे।
जाँच में सुलझीं कई वारदातें
इस मामले की जाँच के लिए एएसपी ग्रामीण शिवेश िसंह बघेल के नेतृत्व में टीआई िनरूपा पांडे, रीतेश पांडे, सोमा मलिक, एसआई जगन्नाथ यादव की टीम ने जिले के 5 हजार से ज्यादा अपराधियों से पूछताछ की, फील्ड पर हुई ये कार्रवाई भी पुलिस के लिए लुटेरों तक पहुँचने में काफी कारगर रही।

 

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