प्रकाश आंबेडकर ने कांग्रेस के पाले में डाली गठबंधन की गेंद, आरएसएस को लेकर उठाया सवाल
प्रकाश आंबेडकर ने कांग्रेस के पाले में डाली गठबंधन की गेंद, आरएसएस को लेकर उठाया सवाल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने गठबंधन में शामिल होने को लेकर कांग्रेस के पाले में गेंद डाल दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब तक आरएसएस को संविधान के दायरे में लाने का प्लान नहीं देती तब तक गठबंधन को लेकर चर्चा आगे नहीं बढ़ेगी। रविवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में आंबेडकर ने कहा कि कांग्रेस आखिर इस संबंध में प्लान तैयार करके क्यों नहीं दे रही है इसका जवाब पार्टी के नेता ही दे सकते हैं। आंबेडकर ने कहा कि वंचित बहुजन आघाडी के लिए लोकसभा चुनाव में कितनी सीटें छोड़नी है यह फैसला भी कांग्रेस को करना है। लोकसभा चुनावों में लगातार तीन बार हारने वाली सीटें और अभी जिन सीटों पर पार्टी के पासउम्मीदवार नहीं हैं। ऐसी 12 सीटें हमने कांग्रेस से मांगी हैं। आंबेडकर ने कहा कि आरएसएस को संविधान के दायरे में लाने और सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस को ही फैसला करना है। इसलिए गेंद कांग्रेस के पाले में है। पार्टी को दोनों फैसला करना है। आंबेडकर ने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन होना चाहिए तो पार्टी आरएसएस के संबंध में अपना एजेंडा दे। यदि कांग्रेस कोई प्रस्ताव नहीं देती है तो हम चुनाव जीतने के बाद अपने दम पर इसको लागू करेंगे। हमारे लिए दोनों विकल्प अभी खुले हैं। आंबेडकर ने कहा कि वंचित बहुजन आघाडी की तरफ से 23 फरवरी को शिवाजी पार्क में सभा का आयोजन किया जाएगा। इस सभा में एमआईएम समेत आघाडी के अन्य दल के नेता मौजूद रहेंगे। आंबेडकर ने कहा कि शिवाजी पार्क की सभा की अनुमति के लिए आवेदन किया जा चुका है। यदि सरकार की तरफ से अनुमति मिलती है तो यह सभा होगी।
ट्विटर पर पाबंदी लगानी चाहिए
इसी बीच एक सवाल के जवाब में आंबेडकर ने कहा कि संसदीय समिति को भारत में ट्विटर की सेवाएं बंद करने की सिफारिश करनी चाहिए। ट्विटर से सीईओ ने संसदीय समिति के समक्ष पेश होने से इंकार कर दिया है। इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि संसदीय समिति इसको गंभीरता से लेगी। आंबेडकर ने कहा कि कई विदेशी कंपनियों ने भारत में सेवाएं शुरू की हैं। लेकिन ऐसा नजर आता है कि ये कंपनियां कानून-व्यवस्था और भारत सरकार को चुनौती देती हैं। आंबेडकर ने कहा कि ट्विटर और फेसबुक को बंद होने पर वैकल्पिक मीडिया को खड़ा किया जा सकता है।
आरएसएस के माध्यम से अलग राज चलाने की कोशिश
इससे पहले नागपुर में आंबेडकर ने कहा कि आरएसएस के माध्यम से देश में अलग शासन चलाने का प्रयास किया जा रहा है और कांग्रेस ने भी आरएसएस को संविधान के दायरे में लाने का प्रयास नहीं किया। भारिप बहुजन महासंघ संघ पर अंकुश का प्रयास कर रहा है। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस से गठबंधन नहीं हो पाया है, लेकिन कांग्रेस की सत्ता आने की संभावना है। ऐसे में भारिप बहुजन महासंघ आरएसएस को संविधान के दायरे में लाने की शर्त पर दृढ़ है। आंबेडकर ने यह भी कहा कि राज्य सरकार मनमानी कर रही है। वैचारिक आंदोलन को दबाने के लिए षड़यंत्र रचा जा रहा है। शनिवार को रविभवन में पत्रकार वार्ता में आंबेडकर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वैचारिक आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं को झूठे आरोप में फंसाया जा रहा है। आनंद तेलतुंबडे व अन्य कार्यकर्ताओं के साथ यही हुअा है। ‘एल्गार परिषद प्रकरण’ में पुलिस की ओर से दाखिल किए गए कागजातों की बारीकी से पड़ताल की जानी चाहिए। न्यायालय से यही निवेदन है। श्री आंबेडकर ने कहा कि एल्गार परिषद प्रकरण में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रधानमंत्री के विरोध में षड़यंत्र रचने के आरोप के साथ तेलतुंबडे का फंसाया गया है। पुलिस ने आराेप-पत्र दाखिल किया है, पर उसमें कोई सबूत नहीं है। केवल आनंद नाम आने पर पुलिस ने आनंद तेलतुंबडे को पकड़ने का प्रयास किया। तेलतुंबडे को व्याख्यान के लिए बुलानेवाली पेरिस की अमेरिका विद्यापीठ को पुलिस सेंटर आफ टेररिज्म ठहराए जा रही है। पुलिस की इस भूमिका से नया डिप्लोमैटिक विवाद हाेने की आशंका है। देश के विरोध में षड़यंत्र रचने का आरोप वैचारिक आंदोलकारियों पर लगाया जा रहा है। विरोधियों को तबाह करने का प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है।
सीट साझेदारी का विषय दूसरा
लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व में वंचित बहुजन आघाड़ी बनाई गई है। कांग्रेस व राकांपा गठबंधन में शामिल होने का प्रयास किया जा रहा है। आंबेडकर की ओर से 12 सीटों की मांग की गई है। कांग्रेस, राकांपा की ओर से फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया गया है। इतना अवश्य कहा जा रहा है कि आंबेडकर को कांग्रेस-राकांपा गठबंधन में शामिल किया जाएगा। गठबंधन के मामले पर आंबेडकर ने कहा कि सीट साझेदारी का विषय उनके लिए दूसरे स्थान पर है। सबसे पहले वे आरएसएस को विराेध में हैं। राज्य की सभी 48 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस-राकांपा आघाड़ी का इंजन तो जुड़ ही नहीं पाया है।