आजमगढ़ सत्ता के पावर सेंटर से फिर हुआ दूर? जनता ने देखे हैं कई उतार-चढ़ाव

आजमगढ़ आजमगढ़ सत्ता के पावर सेंटर से फिर हुआ दूर? जनता ने देखे हैं कई उतार-चढ़ाव

Ankita Rai
Update: 2022-03-25 13:09 GMT
आजमगढ़ सत्ता के पावर सेंटर से फिर हुआ दूर? जनता ने देखे हैं कई उतार-चढ़ाव

डिजिटल डेस्क आजमगढ़ , उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ राजनीतिक क्षेत्र में हमेशा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता रहा है, जनपद ने मुख्यमंत्री से लेकर अब कई कद्दावर नेता को दिया है, लेकिन जनपद को इस बार सत्ता के पावर सेंटर से दूर रहना पड़ सकता है, कारण कि उत्तर प्रदेश में जहां भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत दर्ज कर दूसरी बात शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाक के नेतृत्व में सरकार बनाई है, तो वही आजमगढ़ की दशों विधानसभा की सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा हुआ है । हमेशा सत्ता का पावर सेंटर बने रहने वाला आजमगढ़ आज सत्ता के पावर सेंटर से काफी दूर नजर आ रहा है । बता दें कि पावर सेंटर की शुरुआत उस दौरान हुई थी जब 1977 में रामनरेश यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया, और यहीं से जनपद का नाम उत्तर प्रदेश के साथ ही साथ पूरे देश में 
लिए जाने लगा, राम नरेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद आजमगढ़ 16 साल तक फिर सत्ता के सेंटर से दूर रहा लेकिन 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनी और बलराम यादव कैबिनेट मंत्री बनकर जनपद को सत्ता सेंटर का पावर देने का कार्य किया, इसके बाद 1994 में जब बसपा की सरकार बनी और मुख्यमंत्री मायावती बनी तो जनपद के सगड़ी विधानसभा से चुनाव जीतने वाले बरखु राम वर्मा को विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के पद से नवाजा, उस दौर में भी आजमगढ़ पावर की सत्ता सेंटर बना रहा । वर्ष 2002 के बाद वर्ष 2007 तक आजमगढ़ सत्ता सेंटर से दूर रहा इसके बाद 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा पूर्ण बहुमत में आई, और मुख्यमंत्री मायावती बनी और इस दौरान सुखदेव राजभर विधानसभा अध्यक्ष स्पीकर बने, इस दौर में मलिक मकसूद मंत्री बने । 2012 में विधानसभा का चुनाव हुआ, और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने इस दौरान जनपद से बलराम यादव, नफीस अहमद, दुर्गा प्रसाद यादव, राम आसरे विश्वकर्मा जैसे कद्दावर नेता मंत्री बने और आजमगढ़ जनपद सत्ता का पावर सेंटर बना रहा । इसके बाद 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने । इसके बाद आजमगढ़ सत्ता पावर सेंटर से दूर हो गया इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जनपद की 10 विधानसभाओं की दशो सीटें जीतकर परचम लहराया । लेकिन सत्ता के पावर सेंटर से दूर हो गया । 

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