भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र : नाना पटोले होंगे कांग्रेस उम्मीदवार

भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र : नाना पटोले होंगे कांग्रेस उम्मीदवार

Anita Peddulwar
Update: 2018-04-18 05:37 GMT
भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र : नाना पटोले होंगे कांग्रेस उम्मीदवार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव शीघ्र होने की संभावना है। चुनाव हुआ तो यहां से नाना पटोले कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। उम्मीदवार के नाम को लेकर  रविभवन में भंडारा-गोंदिया के कार्यकर्ताओं की बैठक में पटोले के नाम पर सहमति बनी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील ने पटोले के नाम का प्रस्ताव प्रदेश अध्यक्ष के अलावा पार्टी हाईकमान तक भेजने का आश्वासन दिया है। 

जान-बूझकर टाला जा रहा उपचुनाव  
वर्ष 2014 में नाना पटोले ने बतौर भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीता था। उन्होंने एनसीपी के बड़े नेता प्रफुल पटेल को पराजित किया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्य व कार्यप्रणाली पर असंतोष जताते हुए पटोेले ने दिसंबर 2017 में लोकसभा व भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बाद में कांग्रेस में शामिल हुए। फिलहाल कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। नियमानुसार लोकसभा सदस्य के इस्तीफे के बाद संबंधित क्षेत्र में नया सदस्य चुनने के लिए 6 माह में उपचुनाव करा लिया जाता है। उपचुनाव कराने के निवेदन के साथ पटोले न्यायालय में भी गए हैं,  लेकिन चुनाव आयोग ने भंडारा-गोंदिया लोकसभा उपचुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित नहीं किया है।

सरकार पर लगाए आरोप
पटोले ने सरकार पर आरोप लगाया कि जान-बूझकर उपचुनाव टाला जा रहा है, जबकि उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री की लोकसभा सदस्यता से इस्तीफे के बाद उपचुनाव हो चुके हैं। पटोले का कहना है कि जब उन्होंने इस्तीफा दिया था, तब ही उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने इस्तीफे दिये थे। उत्तरप्रदेश में उपचुनाव कराए गए पर यहां नहीं कराए जा रहे हैं।  पटोले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल को भी चुनाव लड़ने की चुनौती दी है। तमाम स्थितियों के बीच अब भी उपचुनाव की तारीख तय नहीं हो पाई है। 

पार्टी बदलते रहते हैं पटोले
नाना पटोले राजनीति में दाव बदलते रहते हैं। पार्टी भी बदलते रहते हैं। आरंभ में शिवसेना से जुड़े। फिर कांग्रेस में शामिल हुए। वर्ष 1992 में कांग्रेस उम्मीदवार मधुकर लिचड़े के विरोध में निर्दलीय लड़कर पटोले ने जिला परिषद का चुनाव जीता था। बाद में कांग्रेस में लौट आए। लाखांदूर विधानसभा क्षेत्र से दो बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते। 2009 में किसानों के मामले को लेकर कांग्रेस छोड़ दी। भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहे। 2014 में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते थे। 
 

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