सांसद नवनीत राणा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जाति प्रमाणपत्र मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर रोक

सांसद नवनीत राणा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जाति प्रमाणपत्र मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर रोक

Tejinder Singh
Update: 2021-06-22 12:19 GMT
सांसद नवनीत राणा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जाति प्रमाणपत्र मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर रोक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमरावती से सांसद नवनीत कौर राणा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें नवनीत राणा के जाति प्रमाणपत्र को निरस्त करने का आदेश दिया था। जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस दिनेश माहेश्वारी की अवकाशकालीन पीठ ने 8 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी है और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 25 जून को होगी।

नवनीत राणा ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा जाति प्रमाणपत्र को रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें कि हाईकोर्ट ने शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाणपत्र को फर्जी करार दिया था और सांसद पर दो लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया था। बॉम्बे हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद नवनीत राणा की संसद की सदस्यता खतरे में पड़ गई थी।

अडसूल ने आरोप लगाया था कि नवनीत कौर राणा ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर अमरावती सीट से चुनाव जीता है।  दरअसल वर्ष 2019 में नवनीत ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट अमरावती से लोकसभा का चुनाव लड़ा था और  शिवसेना के उम्मीदवार अडसूल को शिकस्त दी थी। याचिका में दावा किया गया था कि नवनीत राणा मूलत: पंजाब से हैं। याचिका के मुताबिक वह लुबाना जाति से आती हैं, जो कि महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति की श्रेणी में नहीं आती है। ऐसे में नवनीत ने फर्जी तरीके से अपना जाति प्रमाणपत्र बनवाया।

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