शक्तिपुंज एक्सप्रेस का बायो टैंक पटरी पर  गिरा -  रेल प्रशासन के कान खड़े , जांच के आदेश जारी

 शक्तिपुंज एक्सप्रेस का बायो टैंक पटरी पर  गिरा -  रेल प्रशासन के कान खड़े , जांच के आदेश जारी

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Update: 2019-09-13 09:45 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क जबलपुर। कटनी सिंगरौली रेलखंड के खन्नाबंजारी महरोई स्टेशन के बीच जबलपुर हावड़ा शक्तिपुंज एक्सप्रेस के जनरल कोच का बायो टैंक टूट कर लटक गया था, जो काफी देर तक रेल पटरियों पर रगड़ खाता रहा।कुछ तो कमी रही होगी, यूं ही शक्तिपुंज एक्सप्रेस का बायो टैंक पटरी पर नहीं गिरा होगा... यह बात पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय में गलियारों में गंूज रही है क्योंकि हादसे के बाद रेल प्रशासन ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। जिसमें यह सवाल पूछा गया है कि किन लोगों ने बायो टैंक फिट किए और किन कारणों से यह हादसा हुआ, आदेश में कोचिंग डिपो के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए हैं,जिससे कोचिंग डिपो में हड़कम्प मचा हुआ है। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को कटनी सिंगरौली रेलखंड के खन्नाबंजारी महरोई स्टेशन के बीच जबलपुर हावड़ा शक्तिपुंज एक्सप्रेस के जनरल कोच का बायो टैंक टूट कर लटक गया था, जो काफी देर तक रेल पटरियों पर रगड़ खाता रहा।
 चिंगारियां निकलने लगी थी
रेल पटरियों से बायो टैंक के रगडऩे के कारण चिंगारियां निकलने लगी थी, जिसे लेकर यात्रियों में दहशत फैल गई थी। जिसे बाद में करीब 4 घंटे की मेहनत के बाद सुधार कर वापस लगाया गया।नम्बर वन बनने और पुरस्कार पाने की होड़ में भूल गए क्वालिटी जानकारों का कहना है िक पिछले दिनों ट्रेनों में सबसे पहले बायो टैंकलगाने के लिए जबलपुर डिवीजन को पुरस्कार मिल चुका है लेकिन यह चर्चा है कि नम्बर वन बनने और पुरस्कार पान की जल्दबाजी में कोचिंग डिपो के अधिकारी क्वालिटी को भूल गए और गुणत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया, जिसकी पोल अब धीरे-धीरे खुल रही है। बताया जा रहा है कि ट्रेनों के मेन्टेंनेंस के समय की अवधि को 6 घंटे से घटाकर 5 घंटे कर देने की वजह से भी कई तरह की अनियमितताएं रोजाना ही सामने आ रही हैं।
 

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