भाजपा की मांग - 12 वीं की परीक्षा को लेकर जल्द फैसला ले सरकार

भाजपा की मांग - 12 वीं की परीक्षा को लेकर जल्द फैसला ले सरकार

Tejinder Singh
Update: 2021-05-24 15:51 GMT
भाजपा की मांग - 12 वीं की परीक्षा को लेकर जल्द फैसला ले सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दसवीं और बारहवीं की परीक्षा को लेकर सही फैसले के अभाव में विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार की लापरवाही के चलते लाखों विद्यार्थी और अभिभावक तनाव में हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि परीक्षा होगी या नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द परीक्षा को लेकर फैसला लेना चाहिए। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उपाध्ये ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते राज्य में गंभीर हालात पैदा हो गए हैं, लेकिन सरकार को देखना चाहिए कि उसके फैसले से किसी भी विद्यार्थी को भविष्य में नुकसान नहीं हो। हाईकोर्ट की फटकार के बावजूद राज्य सरकार ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा को लेकर कोई फैसला नहीं किया। मुख्यमंत्री के पास इसका हल निकालने का समय ही नहीं है। सवाल यह भी है कि सिर्फ तीन घंटे में कोकण का दौरा पूरा करने वाले मुख्यमंत्री के लिए परीक्षा का सवाल अहमियत रखता भी है या नहीं। राज्य सरकार पर तंज कसते हुए उपाध्ये ने कहा कि तीन असफल दलों ने मिलकर अपने नंबर इकठ्ठा किए और पहले नंबर पर आने वाले को पीछे कर सरकार बना ली। लेकिन विद्यार्थी ऐसा नहीं कर सकते। अगर परीक्षा नहीं होगी तो विद्यार्थियों का अगली कक्षा में दाखिला कैसे होगा सरकार ने अभी तक यह यह स्पष्ट नहीं किया है। भाजपा नेता ने कहा कि अगर  12वीं की परीक्षा नहीं होगी तो जिन व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में इसके अंक के आधार पर दाखिला होता है उसकी प्रक्रिया कैसे पूरी की जाएगी। सरकार के टालमटोल भरे रवैये से लाखों विद्यार्थियों को नुकसान हो रहा है। 

कम कोरोना जांच पर स्थिति स्पष्ट करे सरकार

उपाध्ये ने कहा कि राज्य के अल्पसंख्यक विकास मंत्री और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है कि पत्रकारों की सलाह पर राज्य में कोविड के मामले कम दिखाने के लिए कम जांच की जा रही है। सरकार को इस मामले पर सफाई देेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने संविधान की शपथ ली है इसलिए लोगों के हित में फैसले करना उसका कर्तव्य है। लेकिन सरकार अपनी असफलता को ढकने के लिए जांच कम कर रही है और इसका ठीकरा पत्रकारों पर फोड़ा जा रहा है यह निंदनीय है।

10वीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले पर अडिग सरकार

दसवी की परीक्षा रद्द करने के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के मामले में राज्य सरकार अपने फैसले पर कायम रहेगी। सूत्रों के अनुसार सोमवार को राज्य के महाधिवक्ता और स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव के बीच बैठक हुई। बैठक में स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव ने कहा किराज्य सरकार 10वीं की परीक्षा रद्द करने के अपने फैसले पर कायम रहेगी और छात्रों को इंटरनल मार्क के तहत अंक दिए जाएंगे। इसको लेकर स्कूली शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा करने वाली हैं। 
 

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