PRS पर उठ रहे सवाल, माल बटोर रहे दलाल

PRS पर उठ रहे सवाल, माल बटोर रहे दलाल

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-14 08:49 GMT
PRS पर उठ रहे सवाल, माल बटोर रहे दलाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नागपुर रेलवे स्टेशन के पीआरएस पर केबिन में बैठे-बैठे अधिकारी अगर नजर रख सकते हैं, तो फिर दलालों की कारस्तानी से वे क्यों नहीं वाकिफ हो पा रहे हैं। यह सवाल अहम है, क्योंकि आए दिन टिकटों की कालाबाजारी के मामले सामने आ ही रहे हैं। ऐसे में लाखों खर्च कर लगाए  गए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का औचित्य ही क्या? 

फिर भी लंबी कतार
रेलवे परिसर में बने पीआरएस में रोज तत्काल टिकटों के लिए लंबी कतार लगती है। यहीं आरक्षित टिकटें खरीदने वालों की भी भीड़ रहती है। ग्रीष्म व त्योहारों के वक्त यहां हर काउंटर के सामने लंबी लाइन लगी रहती है। इसी का फायदा उठाकर टिकट दलाल यहां सक्रिय हो जाते हैं। कई बार रेल सुरक्षा व्यवस्था के साथ संबंधीत अधिकारियों ने इस पर रोक लगाने का प्रयास किया, लेकिन कर्मचारियों की मिलीभगत से हर बार पूरी सफलता नहीं मिल सकती है। नागपुर विभाग अंतर्गत कई बार रेल कर्मचारियों को ही टिकट दलाली के मामले में लिप्त पाया गया है।

यह था उद्देश्य
पीआरएस में आनेवाले दलालों के साथ रेलवे कर्मचारियों पर खास नजर रखने के उद्देश्य से यहां 16 नए कैमरे लगाये गए थे। लाखों रुपए की यह व्यवस्था केवल टिकटों की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए बनाई गई थी। कैमरों की मदद से कोई भी कर्मचारी या व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में दिखे तो उसे हिरासत में लिया जाना अपेक्षित है। 

कार्रवाई में पकड़े गए हैं दलाल
इस सिस्टम के माध्यम से रेलवे से कालाबाजारी पूरी तरह से खत्म होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। केबिन में बैठे-बैठे पीआरएस का हाल देखने की सहुलियत वर्षों पहले से रहने के बावजूद यहां टिकटों की कालाबाजारी चलती रहती है। खासकर भीड़ के सीजन में दलाल सक्रिय रहते हैं। हाल ही में आरपीएफ द्वारा की कार्रवाई में दलालों को नागपुर स्टेशन से पकड़ा गया है। 

नजर रखी जा रही
केबिन में बैठे मोबाइल में पीआरएस का हाल देखने की सुविधा अभी-भी काम कर रही है। हमारी ओर से नजर रखी जाती है। बीच-बीच में होनेवाली कार्रवाई हमारी ओर से दिए गए दिशा-निर्देश पर ही होती रहती है। 
-एस.जी. राव, सहायक वाणिज्य प्रबंधक, मध्य रेलवे नागपुर

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