बुजुर्ग किसान की पत्थर पटककर की हत्या - घसीटकर बाड़ी में फेंकी लाश, पैर बंधे मिले

बुजुर्ग किसान की पत्थर पटककर की हत्या - घसीटकर बाड़ी में फेंकी लाश, पैर बंधे मिले

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-20 08:01 GMT
बुजुर्ग किसान की पत्थर पटककर की हत्या - घसीटकर बाड़ी में फेंकी लाश, पैर बंधे मिले

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। पाटन के पथरौरा ग्राम में एक वृद्ध किसान की पत्थर पटककर हत्या करने के मामले ने गांव में सनसनी फैला दी। 85 साल के किसान बद्री प्रसाद चौधरी की हत्या उस समय की गई जब वह परछी में सो रहा था। खून से लथपथ लाश देखकर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करने के बाद संदिग्धों से पूछताछ कर हत्या का सुराग लगाने का प्रयास शुरू कर दिया है। इस मामले में जानकारी मिली है कि बद्री प्रसाद का परिवार जबलपुर में रहता है और वह गांव में रहकर खेती  करता है। उसके बेटे, बहू व बच्चे गांव आते-जाते रहते हैं। बीती रात बद्री प्रसाद रात 11 बजे खाना खाने के बाद थोड़ी देर तक आंगन में टहलते देखा गया था और  सुबह बद्री की रक्त रंजित लाश बाड़ी में मिली।  लाश मिलने की सूचना मिलते ही आसपास के लोग तुरन्त बद्री के घर पहुँचे और पुलिस को बुलाया गया।  

पैर बंधे मिले 

आरोपी ने परछी में हत्या करने के बाद उसकी लाश को घसीटकर कर बाड़ी में ले गया था और उसके दोनों पैर बंधे मिले, जिससे यह लग रहा है कि आरोपी बद्री की लाश को ठिकाने लगाना चाहता था लेकिन लगा नहीं पाया। 

आवाज नहीं सुनी 

नातिन गाथा का कहना है कि उसने कोई आवाज नहीं सुनी हो सकता है कि कूलर की आवाज के कारण उसे आवाज नहीं सुनाई दी। वह पढ़ाई करने के बाद रात 11 बजे सो गई थी और सुबह उठने पर उसे दादा की लाश देखने को मिली। 

सबसे पहले नातिन ने देखी लाश

सबसे पहले बद्री की नातिन लाश देखकर घबरा गई और उसने पड़ोसियों को बुलाया। इसी बीच पुलिस भी सूचना पाकर वहां पहुंच गई।  पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला है कि देर रात बद्री की हत्या की गई है। पुलिस को शंका है कि हत्या करने वाला बद्री का परिचित वाला होना चाहिए और वह सोते समय ही सिर पर पत्थर पटककर चला गया, जिससे संभलने का मौका मृतक को नहीं मिला। 

इनका कहना है

किसान की मौत के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। परिजनों ने किसी से भी विवाद होने की जानकारी नहीं दी है। ग्रामीणों ने भी अभी तक किसी से आपसी रंजिश या फिर जमीन का झगड़ा होना नहीं बताया है। -भावना मरावी, एसडीओपी सिहोरा
 

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