मजिस्ट्रियल जांच में बिल्डर केमतानी पिता-पुत्र दोषी, दो मजदूरों की हुई थी मौत

मजिस्ट्रियल जांच में बिल्डर केमतानी पिता-पुत्र दोषी, दो मजदूरों की हुई थी मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-05 08:52 GMT
मजिस्ट्रियल जांच में बिल्डर केमतानी पिता-पुत्र दोषी, दो मजदूरों की हुई थी मौत

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बरगी हिल्स पर निर्माणाधीन होटल में गत 16 अप्रैल को हुए हादसे की मजिस्ट्रियल जांच करीब डेढ़ महीने बाद पूरी हो गई है। जांच अधिकरी व SDM जबलपुर शिवाय अरजरिया ने रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर छवि भारद्वाज को सौंपी दी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मजिस्ट्रियल ल जांच 11 बिंदुओं पर की गई थी और इसके तहत होटल के मालिक केमतानी पिता-पुत्र दोषी पाए गए हैं।

जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि बिल्डर द्वारा निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मापदण्डों का ध्यान नहीं रखा गया। बताया जा रहा है कि जहां लोहे या मेटल की छड़ो व पाईप के सहारे निर्माण किया जाना चाहिए था, वहां लकड़ी की बल्लियों का उपयोग किया गया। इसके अलावा निर्माण कार्य बिना विशेषज्ञों की देखरेख में किया जाने की बात भी सामने आ रही है। 11 बिंदुओं के इर्द-गिर्द हुई जांच के दौरान बिल्डर महेश केमतानी, उनके पुत्र आशीष केमतानी सहित PWD , नगर निगम के अधिकारियों और निर्माण से जुड़े इंजीनियर, आर्किटैक्ट, ठेकेदार आदि के बायन दर्ज किए गए हैं। ज्ञात हो निर्माणाधीन बिल्डिंग का छज्जा गिरने से हुए हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई थी और करीब 22 मजदूर गंभीर रुप से घायल हो गए थे। हादसे के बाद कलेक्टर ने 17 अप्रैल को मामले की दण्डाधिकारी जांच के निर्देश दिए थे।उधर, जानकारों का कहना है कि जांच रिपोर्ट के बाद प्रशासन की ओर से क्या कार्रवाई होगी यह कलेक्टर के आदेश के बाद ही पता चल सकेगा।

जिले की विकेन्द्रीकरण कार्ययोजना तैयार करने को लेकर बैठक
जिले की वर्ष 2019-20 की विकेन्द्रीकृत कार्ययोजना तैयार करने के संबंध में कलेक्टर छवि भारद्वाज की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई बैठक में अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने के समयबद्ध कार्यक्रम एवं शासन के दिशा-निर्देशों की विस्तार से जानकारी दी गई। कलेक्टर ने अफसरों से कहा कि जिले की विकेन्द्रीकृत कार्ययोजना में विशिष्टता वाले ऐसे कार्यों को खासतौर पर शामिल करें, जिनकी जिले अथवा क्षेत्र को आवश्यकता तो है लेकिन दायरे में नहीं आने के कारण उनके लिए विभागीय मद में आवंटन उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों के लिए राज्य योजना मण्डल से अलग से आवंटन प्राप्त किया जा सकता है।

कलेक्टर ने बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय कल्याण विभाग के अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतवार और नगरीय क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर तकनीकी सहायता दलों और नियोजन दलों का गठन करने के निर्देश भी दिए। श्रीमती भारद्वाज ने जिले की विकेन्द्रीकृत कार्ययोजना तैयार करने के इस कार्य में समय-सीमा का ध्यान रखने की हिदायत भी संबंधित अधिकारियों को दी। बैठक में बताया गया कि विभागों द्वारा तैयार की गई विकेन्द्रीकृत कार्ययोजना को जिला योजना समिति से अनुमोदित कराकर राज्य शासन को स्वीकृत हेतु भेजा जाएगा। इस दौरान जिला पंचायत की CEO हर्षिका सिंह, जिला योजना अधिकारी व्हीएस धापानी माजूद रहे।

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