मंत्रिमंडल की मंजूरी : इन बैंकों में हो सकेगा सरकारी बैंकिंग व्यवहार, जल जीवन मिशन, दूध को पावडर में बदलने की योजना जल्द

मंत्रिमंडल की मंजूरी : इन बैंकों में हो सकेगा सरकारी बैंकिंग व्यवहार, जल जीवन मिशन, दूध को पावडर में बदलने की योजना जल्द

Anita Peddulwar
Update: 2020-07-08 15:33 GMT
मंत्रिमंडल की मंजूरी : इन बैंकों में हो सकेगा सरकारी बैंकिंग व्यवहार, जल जीवन मिशन, दूध को पावडर में बदलने की योजना जल्द

डिजिटल डेस्क,  मुंबई। राज्य की प्रादेशिक ग्रामीण बैंक, आईडीबीआई बैंक और राज्य की अ वर्ग की 15 जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों को सरकारी बैंकिंग व्यवहार करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। सरकारी बैंकिंग व्यवहार करने के लिए अकोला, भंडारा, चंद्रपुर और गडचिरोली, लातूर, सिंधुदूर्ग, अहमदनगर, पुणे, सातारा, मुंबई, ठाणे, रायगड, रत्नागिरी, सांगली, कोल्हापुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक को अनुमति दी गई है। राज्य में बैंक ऑफ महाराष्ट्र राष्ट्रीयकृत बैंक प्रादेशिक ग्रामीण बैंक की प्रायोजक बैंक है। इसके अनुसार दो प्रादेशिक ग्रामीण बैंकों को सरकारी बैंकिंग व्यवहार के लिए मंजूरी दी गई है। इसमें महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक और विदर्भ- कोंकण ग्रामीण बैंक का समावेश है। प्रादेशिक ग्रामीण बैंक और आईडीबीआई बैंक में सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन को छोड़कर  सार्वजनिक उपक्रम, महामंडल की अतिरिक्त निधि के निवेश के लिए मान्यता प्रदान की गई है। इससे पहले सरकारी कार्यालय, सार्वजनिक उपक्रम और महामंडलों के बैंकिंग व्यवहार केवल राष्ट्रीकृत बैंकों में करने की नीति घोषित की गई थी। लेकिन अब सरकार ने बैंकिंग व्यवहार की नीति में संशोधन करने का फैसला किया है। 

जल जीवन मिशन को राज्य में लागू करने को मंजूरी

केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन योजना को प्रदेश में लागू करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण अंचल में अगले 4 सालों में 89.25 लाख नल कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इसके लिए लगभग 13668.50 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। राज्य के ग्रामीण इलाकों में साल 2024 तक वैयक्तिक नल कनेक्शन द्वारा प्रति व्यक्ति कम से कम 55 लीटर प्रति दिन पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। जल जीवन मिशन योजना के लिए केंद्र और राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत निधि खर्च करेगी। जल जीवन मिशन के लिए राज्य पानी और स्वच्छता मिशन कार्यान्वयन तंत्र के रूप में काम करेगा। मिशन के लिए मिशन निदेशक पद पर सचिव दर्ज की आईएएस अफसर की नियुक्ति की जाएगी। 

दूध को पावडर में बदलने की योजना की अवधि 31 जुलाई तक 

राज्य में अतिरिक्त दूध का रुपांतरण दूध पावडर में करने की योजना की अवधि को 31 जुलाई तक बढ़ाने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इससे जुलाई महीने में लगभग हर दिन 5.14 लाख लीटर के अनुसार 1.60 करोड़ लीटर दूध की खरीदी सरकार के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए 51.22 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की गई है। सरकार ने अप्रैल महीने में किसानों से दूध खरीदकर पावडर बनाने की योजना शुरू की थी। इस योजना की अवधि 30 जून को खत्म हो गई थी। जिसके बाद अब योजना को शुरू रखने का फैसला किया गया है। पूरी योजना के तहत 6 लाख लीटर दूध खरीदा जाएगा। इसके लिए 190 करोड़ रुपए की निधि उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य में कोरोना के चलते लॉकडाउन होने से हर दिन 17 लाख लीटर दूध कम बिक रहा है।  
 

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