खाद्य तेल मिलों के संचालकों पर दर्ज होगा कॉपीराइट एक्ट का मामला

खाद्य तेल मिलों के संचालकों पर दर्ज होगा कॉपीराइट एक्ट का मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-11 11:33 GMT
खाद्य तेल मिलों के संचालकों पर दर्ज होगा कॉपीराइट एक्ट का मामला

डिजिटल डेस्क  छतरपुर । ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर मिलावटी तेल और घी बनाने वाले जेल कारखाना संचालकों के खिलाफ कॉपी राइट एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया जाएगा। पिछले दो दिनों से मिलावटखोरों के खिलाफ जारी कार्रवाई के तहत गुरुवार की रात को फिर से प्रशासन की संयुक्त टीम मनीष अग्रवाल के तेल कारखाने में पहुंची। बार-बार बुलाने के बाद भी जब मनीष अग्रवाल नहीं पहुंचे तो कारखाने का ताला तोड़कर कारखाने में उपलब्ध तेल और घी का सैंपल लिया गया। फूड ऑफिसर अमित वर्मा ने बताया कि कारखाने से नामी गिरामी ब्रांडों के रैपर मिले हैं। लिहाजा साफ जाहिर होता है कि तेल कारखाने में नकली तेल बनाया जाता है। 
कलर और कैमिकल मिलाकर बनाते थे तेल : छापे की कार्रवाई के दौरान पाया गया कि कारखाना संचालक कलर और कैमिकल मिलाकर नकली तेल बनाते थे। खाद्य अधिकारी की मानें तो नकली तोलों में नामी ब्रांडों का रैपर लगाकर बाजार में बेचा जाता था। कारखानों से बड़ी मात्रा में खाली डिब्बे भी मिले हैं। 
बड़ी मात्रा में जब्त हुआ तेल : बुधवार की रात रमेश अग्रवाल के कारखाने से विभिन्न ब्रांड के रैपर, बड़ी मात्रा में तेल, खाली डिब्बे जब्त कर गोदाम को सील कर दिया है। टीम ने 312 डिब्बे मस्त कोल्हू, 150 डिब्बे रुचि स्टार, 300 डिब्बे मुरैना सिक्का, 77 डिब्बे कंचन, 37 डिब्बे जयश्री सहित कुल 1045 भरे हुए डिब्बे, जिसमें लगभग 11 टन खाद्य तेल मौजूद है, इसे जब्त किया गया।
 

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