अस्पताल में मरीजों के बीच कोरोना संक्रमित शव रखे जाने के मामले की होगी जांच

अस्पताल में मरीजों के बीच कोरोना संक्रमित शव रखे जाने के मामले की होगी जांच

Tejinder Singh
Update: 2020-05-07 15:37 GMT
अस्पताल में मरीजों के बीच कोरोना संक्रमित शव रखे जाने के मामले की होगी जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर पालिका के सायन अस्पताल में वार्ड में इलाज करा रहे लोगों के बीच कोरोना की वजह से जान गवाने वालों  के बॉडी बैग में भरे शव पड़े होने का वीडियो वायरल हो गया है। इसके बाद मुंबई महानगर पालिका ने मामले की जांच के लिए समिति गठित कर दी है। अस्पताल की ओर से यह भी सफाई दी गई है कि मरीज की मौत के बाद आधे घंटे में शव वार्ड से हटाने के निर्देश दिए गए थे। इस बात की छानबीन की जाएगी कि आदेश का पालन हो रहा था या नहीं। लोकमान्य तिलक अस्पताल जो सायन अस्पताल के नाम से मशहूर है उसके डीन डॉ प्रमोद इंगले ने कहा कि 24 घंटे के भीतर जांच समिति इस मामले पर अपनी रिपोर्ट देगी। अगर वीडियो सायन अस्पताल का होने की पुष्टि हुई तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना से मारने वालों के शव 30 मिनट में उनके परिजनों को सौंपने होते हैं लेकिन कई बार फोन करने पर भी मृतक के परिजन शव लेने में आनाकानी करते हैं। ऐसे में पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग को सूचित किया जाता है और मृतदेह शवगृह में भेज दिया जाता है। भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इसे गंभीर मामले बताते हुए मामले में कार्रवाई की मांग की। भाजपा विधायक नितेश राणे ने भी यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा हैं की सायन अस्पताल में मरीज शवों के बगल में लेटे हुए हैं। यह अति है, यह कैसा प्रबंधन है, बेहद शर्मनाक। वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोग सरकार और मनपा पर निशाना साध रहे थे।

कोरोना संक्रमित का शव दफनाने से रोकने पर एफआईआर

कोरोना संक्रमण की वजह से मौत होने पर शव को कब्रिस्तान में दफनाने का विरोध करने के आरोप में मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव संजय नाइक समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के मुताबिक मंगलवार को एक 45 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना संक्रमण के चलते जसलोक अस्पताल में मौत हो गई थी। उस व्यक्ति का शव दफन करने की प्रक्रिया जारी थी। इसी दौरान नाइक अपने तीन साथियों के साथ वहां पहुंचा और दूसरे लोगों को भी बुलाकर दफ़नविधि रोकने की कोशिश की। इन लोगों ने बीएमसी अधिकारियों से तू-तू मैं-मैं की और मृतक के परिवार को धमकाया। दरअसल मुंबई महानगर पालिका ने बांद्रा के नवापाड़ा कोंकणी कब्रिस्तान में कोरोना से मारे गए लोगों  को दफनाने की इजाजत दी है लेकिन बीएमसी के आदेश से नाराज कुछ लोगों ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने भी बीएमसी के पक्ष में फैसला सुनाया तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया। लेकिन नाइक और उसके साथियों ने यह कहते हुए विरोध किया कि मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है और इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। बांद्रा पुलिस ने नाइक के साथ मुजफ्फर खान, यूनुस खान और अकबर खान नाम के आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 269, 270, 188 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। 


 

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