पौधारोपण भ्रष्टाचार प्रकरण की जांच करेगी CBI, हाईकोर्ट का निर्णय

पौधारोपण भ्रष्टाचार प्रकरण की जांच करेगी CBI, हाईकोर्ट का निर्णय

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-01 10:58 GMT
पौधारोपण भ्रष्टाचार प्रकरण की जांच करेगी CBI, हाईकोर्ट का निर्णय

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रोजगार गारंटी योजना के तहत वन विकास महामंडल की पौधारोपण योजना में 134 करोड़ रुपए के कथित भ्रष्टाचार पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इस मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश जारी किए है। दरअसल हाईकोर्ट ने दो वर्ष पूर्व इस योजना का ऑडिट करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के इस आदेश का अपने अनुसार मतलब निकालकर कोर्ट की अवमानना करने वाले वन विकास महामंडल पर 10 लाख रुपए की कॉस्ट लगा दी थी।

कोर्ट के आदेश के बाद इस कथित भ्रष्टाचार के मामले से जुड़े दस्तावेजों का पूरा ऑडिट करना था, लेकिन वन विकास महामंडल ने एक निजी चाटर्ड अकाउंटेंट से यह ऑडिट कराया। असंतुष्ट कोर्ट ने सीए को बुधवार को तलब किया था। सफाई में सीए ने बताया कि पूरे प्रकरण में वन विकास महामंडल और याचिकाकर्ता चोपड़े ने केवल 8 मुख्य मुद्दों पर ऑडिट करने को कहा था और मैंने वैसा ही किया। इसलिए पूरे रिकॉर्ड का ऑडिट नहीं किया गया। कोर्ट ने इसे अवमानना मान कर यह आदेश जारी किया था। साथ ही महामंडल से वर्ष 1993 से लेकर वर्ष 2004 तक इस प्रकरण में शामिल अधिकारी-कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी।

यह था मामला
जनहित याचिका के अनुसार, वर्ष 1997-98 में वन विकास महामंडल ने खामगांव वन प्रकल्प के अंतर्गत 19 हजार 300 हेक्टेयर जमीन पर रोजगार गारंटी योजना के तहत पौधारोपण किया था। इसके तहत लगाए गए सागौन के पौधों में से एक भी जीवत नहीं रह सका। महामंडल के अधिकारियों ने वन क्षेत्र अधिकारी के पास मस्टर पर दर्ज किए बगैर ही वाउचर तैयार कर लिए। इसमें जिलाधिकारी द्वारा मंजूर किए गए खर्च से कई गुना ज्यादा सरकारी रकम खर्च हुई।

महामंडल के ही एक लिपिक मधुकर चोपड़े ने 31 दिसंबर 1997 को जिलाधिकारी और अमरावती विभागीय आयुक्त से शिकायत कर इसे 134 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार करार दिया। विभागीय आयुक्त ने जब आरोपी अधिकारियों पर जांच बैठाई, तो उल्टे लिपिक को ही नौकरी से निलंबित कर दिया गया, साथ ही उनकी सात वेतन वृद्धियां भी रोक दी गईं। इस मामले में समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट ने स्वयं इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी।

 
 

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