राज्य शिक्षा मंत्री का ऐलान-CBSE और ICSE स्कूलों के स्टूडेंट्स पढ़ेंगे सातवी कक्षा तक मराठी

राज्य शिक्षा मंत्री का ऐलान-CBSE और ICSE स्कूलों के स्टूडेंट्स पढ़ेंगे सातवी कक्षा तक मराठी

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-04 04:57 GMT
राज्य शिक्षा मंत्री का ऐलान-CBSE और ICSE स्कूलों के स्टूडेंट्स पढ़ेंगे सातवी कक्षा तक मराठी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने ऐलान किया है कि अब सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों के स्टूडेंट्स के लिए सातवी कक्षा तक मराठी भाषा अनिवार्य होगा। प्रदेश में मराठी स्कूलों की संख्या लगातार गिरती जा रही है। बोलबाला अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों का है, लेकिन अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों में मराठी भाषा नहीं पढ़ाई जा रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य शिक्षा मंत्री यह अहम घाेषणा की है। तावड़े ने शहर के शंकरनगर स्थित सरस्वती स्कूल में स्टूडेंट्स से संवाद साधते हुए "थेट भेंट" कार्यक्रम ऐलान किया कि शिक्षा विभाग प्रदेश की सभी सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों में सातवीं कक्षा तक मराठी भाषा की शिक्षा अनिवार्य की जाएगी।

दरअसल, अंग्रेजी स्कूलों में मराठी मूल के स्टूडेंट पढ़ते हैं, इसके बावजूद वहां मराठी भाषा क्यों नहीं पढ़ाई जाती, ऐसा प्रश्न एक स्टूडेंट ने शिक्षा मंत्री से पूछा था। उसके जवाब में तावड़े ने यह  घोषणा की है। उन्होंने कहा कि मराठी हमारी मातृभाषा है, ऐसे में स्टूडेंट्स को स्कूली जीवन में मराठी तो सिखाई ही जानी चाहिए। शिक्षा विभाग इसी दिशा में प्रयास कर रहा है, लेकिन सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों में मराठी नहीं पढ़ाई जाती। अब से इन्हें 7वीं कक्षा तक पढ़ाई करवानी ही होगी। ऐसा न करने वाली स्कूलों पर शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा।

उन्होंने इस दौरान ओपन बोर्ड योजना की जानकारी दी। कहा कि जिन स्टूडेंट्स को सांस्कृति क्षेत्र या फिर खेल में करियर बनाना हो, वे ओपन बोर्ड के जरिए पढ़ाई कर सकते हैं। होम स्कूलिंग के जरिए उनकी पढ़ाई होगी। उनकी परीक्षा जून और दिसंबर माह में ली जाएगी। खेल में राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्टूडेंट्स को 10 अंक अतिरिक्त और नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। 

स्टूडेंट्स के चौंकाने वाले प्रश्न
शिक्षा मंत्री से हुई इस सीधी मुलाकात में हडस विद्यालय, धरमपेठ हाईस्कूल, टाटा हाईस्कूल, जिंदल विद्यामंदिर, राजेंद्रनगर हाईस्कूल, परांजपे हाईस्कूल के स्टूडेंट शामिल हुए थे। स्टूडेंट्स ने शिक्षा मंत्री से ऐसे-ऐसे सवाल किए कि शिक्षा मंत्री भी चकित रह गए। एक स्टूडेंट ने पूछा-प्रैक्टिकल एजुकेशन आधारित शिक्षा प्रणाली क्यों नहीं है। तावड़े ने शिक्षकों के लिए आयोजित प्रैक्टिकल एजुकेशन पर ट्रेनिंग प्रोग्राम की जानकारी दी। इसी तरह स्टूडेंट्स ने स्कूल बैग के वजन, शैक्षणिक गुणवत्ता व अन्य कई विषयों पर शिक्षा मंत्री से सवाल पूछे। 

‘नो गैजेट डे’ मनाने की अपील
शिक्षामंत्री ने स्टूडेंट्स के प्रश्नों का समाधान किया। साथ ही सप्ताह में एक दिन इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों के इस्तेमाल से दूर रह कर ‘नो गैजेट डे’ मनाने की अपील की। 

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