प्रदेश सरकार की नई रेत नीति को चुनौती - हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर मांगा जवाब
प्रदेश सरकार की नई रेत नीति को चुनौती - हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्रदेश सरकार की नई रेत नीति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सोमवार को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद मामले में बनाए गए अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।
यह जनहित याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार की नई रेत नीति के तहत नर्मदा नदी में रेत निकालने के लिए सिर्फ हाथ से चलने वाले उपकरणों के उपयोग की अनुमति दी गयी है। वहीं दूसरी नदियों में रेत निकालने के लिए अन्य माध्यम से संचालित उपकरणों के उपयोग की अनुमति दी गयी है। इस प्रकार प्रदेश सरकार द्वारा नदियों में भेदभाव किया गया है। इसी प्रकरण में इंदौर, जबलपुर, भोपाल तथा ग्वालियर को रेत भंडारण की अधिकतम सीमा से मुक्त रखा गया, जबकि अन्य जिलों के लिए अधिकतम सीमा 50 किलोमीटर तय की गई है। इन आधारों के साथ दायर याचिका में खनिज विभाग तथा विधि विभाग के प्रमुख सचिव को अनावेदक बनाया गया है। मामले पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्यायपैरवी कर रहे हैं।