नवजात शिशु बदलने का आरोप, परिजनों ने किया जिला अस्पताल में हंगामा

नवजात शिशु बदलने का आरोप, परिजनों ने किया जिला अस्पताल में हंगामा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-29 07:55 GMT
नवजात शिशु बदलने का आरोप, परिजनों ने किया जिला अस्पताल में हंगामा

डिजिटल डेस्क,छतरपुर। जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में बुधवार की दोपहर नवजात शिशु बदलने की आशंका के चलते प्रसूता के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। शहर के नारायणपुरा रोड निवासी मुकेश शिवहरे की पत्नी आरती को बुधवार की सुबह 10 बजे प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां स्टॉफ ने मां के गर्भ में बच्चे की सही स्थिति न होने पर परिजनों से हस्ताक्षर कराकर गर्भवती को भर्ती किया था।  दोपहर एक बजे के लगभग आरती ने सीजर डिलेवरी के जरिए मृत बच्ची को जन्म दिया, जो लगभग 34 सप्ताह की थी। वहीं वार्ड में अन्य गर्भवती सरोज पाल ने भी 1:30 बजे पर सीजर में बच्ची को जन्म दिया। आरती के परिजनों को पहले ही मृत बच्ची की सूचना दे दी गई थी, मगर जब वार्ड में एक अन्य बच्ची का जन्म हुआ तो आरती के परिजन स्टाफ पर बच्ची बदल देने का आरोप लगाने लगे और देखते ही देखते अस्पताल में एक सैकड़ा से अधिक लोग जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे। मामला बिगड़ते देख ड्यूटी पर तैनात डॉ लता चौरसिया ने वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से पुलिस को खबर दी। तब सिटी कोतवाली पुलिस ने मौके पर जाकर मामला शांत कराया।

डीएनए टेस्ट के आश्वासन पर माने परिजन

नवजात शिशु बदलने की सूचना मिलने पर परिजनों ने अपने संबंधीजनों को फोन पर सूचना दे दी, इस कारण अस्पताल में काफी संख्या जनप्रतिनिधि एवं संगठन के कार्यकर्ता सहित कई लोग इकट्ठा हो गए। इस कारण अस्पताल में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। इस दौरान कई लोगों ने प्रबंधन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। जब परिवारजन हंगामा कर रहे थे, उस दौरान अस्पताल के वार्डों में तैनात स्टाफ भाग खड़ा हुआ। मौके पर सिविल सर्जन ने परिवारजनों को लिखित में शिकायत करके डीएनए टेस्ट कराने के लिए कहा। तब जाकर मामला शांत हुआ। वहीं शाम को परिवारजनों ने मृत बच्ची का शव ले लिया है, वहीं पुलिस लिखित आवेदन के बाद डीएनए टेस्ट कराने के लिए कार्रवाई कर रही है। 

इनका कहना है 

परिजनों को आरोप था कि वार्ड में उनका बच्चा बदल गया है, उनकी शिकायत पर मामला पुलिस को सुपुर्द किया गया है। पुलिस मामले में डीएनए टेस्ट कराने के लिए स्वतंत्र है। 
डॉ. आरएस त्रिपाठी, सिविलसर्जन जिला अस्पताल
 

Tags:    

Similar News