गोरेवाड़ा में चीतल की मौत, टूट पड़ा था श्वानों को झुंड

गोरेवाड़ा में चीतल की मौत, टूट पड़ा था श्वानों को झुंड

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-23 10:42 GMT
गोरेवाड़ा में चीतल की मौत, टूट पड़ा था श्वानों को झुंड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गोरेवाड़ा नेशनल पार्क से लगा हुआ पुराना नाका के पास एक चीतल का 50 से 60 श्वानों ने  मिलकर शिकार कर लिया। जानकारी के अनुसार देर रात श्वानों की काफी आवाज आ रही थी। प्रत्यक्ष दर्शी दिनेश चव्हाण ने बताया कि रात में कुछ कुत्तों की आवाजें आईं तो उन्होंने देखा कि काफी ज्यादा संख्या में कुछ जंगली कुत्ते एक चीतल के पीछे दौड़ रहे हैं तो उन्होंने उसे बचाने के लिए श्वानों पर पत्थर फेंकना शुरु किया तो श्वानों ने उन पर ही हमला करने की कोशिश की, जिससे वे घबराकर घर के भीतर भाग गए। सुबह देखा तो एक चीतल सतीश दहिया के घर के पास मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। घटनास्थल पर सुबह काफी लोग जमा हो गए। उन्होंने गोरेवाड़ा के सामाजिक कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के जिला प्रमुख को सूचना दी। राजेश शुक्ला ने वन विभाग के फॉरेस्ट ऑफिसर प्रभुनाथ शुक्ला को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद उन्होंने अपनी टीम को भेज कर शव को कब्जे में लेकर शव का पंचनामा किया और अपने साथ ले गए। 

घटना के बाद लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। गोरेवाड़ा नागरिक सतीश दहिया का कहना है कि आये दिन लगातार जंगल से जानवर बस्ती में घुस जाते हैं, जिससे नागरिक दहशत में रहते हैं। दिनेश चव्हाण का कहना है कि सुरक्षा दीवार काफी छोटी है जिससे कई वन्यजीव दीवार से कूद कर बाहर आ जाते हैं और वाहन और श्वानों का शिकार हो जाते हैं। सफीक खान का कहना है कि रात को 2 बजे के आसपास जोर से मेरे घर में किसी के कूदने की आवाज आई तो मैं घबरा गया और बाहर नही निकल पाया और जब सुबह देखा तो मेरी रोजी रोटी के लिए बनाई गई कुंडी और कुछ सामान टूटा पड़ा था। बाद में पता चला कि चीतल मारा गया है। राजेश शुक्ला सामाजिक कार्यकर्ता  का कहना है कि इस तरह की घटना काफी भयावह होती है जानवरों के हमले से नागरिक दहशत में हैं। वन विभाग को इस पर ध्यान देना जरूरी है। लोग इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए शीघ्र ही जिलाधिकारी से मिलने की तैयारी दर्शाई है।

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