पिता ने युवा बेटे का शव लेने से किया इंकार, कैंसर से हुई मौत

पिता ने युवा बेटे का शव लेने से किया इंकार, कैंसर से हुई मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-13 12:22 GMT
पिता ने युवा बेटे का शव लेने से किया इंकार, कैंसर से हुई मौत

डिजिटल डेस्क, हरपालपुर/छतरपुर। नगर के मेनरोड सर्किट हाउस के सामने रहने वाले एक पिता रामदास सोनी ने अपने कैंसर पीड़ित पुत्र रविन्द्र सोनी उम्र 33 बर्ष की मौत मुंह के उसका शव लेने व उसका अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। रविन्द्र सोनी की विगत शाम राजपूत कॉलोनी स्थित किराए के मकान में मौत हो जाने के कारण नगर वासियों द्वारा उसके अंतिम संस्कार के लिए उसके पिता रामदास सोनी को सूचना दी, लेकिन रामदास सोनी सोमवार की सुबह 8 :00 बजे तक अपने पुत्र का शव लेने नहीं पहुंचा।

समाज के लोग शव लेकर पहुंचे घर तो किया दरवाजा बंद
इस पर नगर वासियों द्वारा सामूहिक रूप से रविन्द्र की ससुराल पक्ष एवं स्वर्णकार समाज के लोगों द्वारा शव को ले जाकर रविंद्र के पुराने घर ले गए, लेकिन मृतक की बहन अर्चना और पिता रामदास ने शव लेने से मना कर दिया और घर का दरवाजा भी बन्द कर लिया। रामदास की इस हरकत से बौखला कर नगर वासियों ने सामूहिक रूप से गेट खुलवाने की काफी कोशिश की, लेकिन गेट नहीं खुलने पर गेट को जबरदस्ती खोला। शव को रखने से पहले ही रविन्द्र की बहन अर्चना एवं पिता रामदास द्वारा रविंद्र के शव को घर में रखने का विरोध किया जाने लगा।

पुलिस ने दी समझाइस
हंगामा खड़ा होतेे देख जांच के लिए आए एसआई गोंटिया एवं आरक्षक द्वारा रामदास को थाने पहुंचने की सलाह दी। टी आई रामबाबू चौधरी द्वारा रामदास को समझाने का प्रयास किया गया फिर भी रामदास अपने पुत्र का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं हुआ। इसकी जानकारी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी गई। 3 घंटे तक टी आई द्वारा समझाइश देने के बाद भी रामदास किसी भी कीमत पर अपने पुत्र का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं हुआ। टीआई राम बाबू चौधरी द्वारा सख्त लहजे में सामाजिक परंपराओं को पालन करने के लिए कहा गया तब भीड़ का बढ़ता दबाव देखते हुए अंतत: शव का पोस्टमार्टम कराए जाने की शर्त पर अपनी स्वीकृति प्रदान की।

पिता के साथ भी किया अत्याचार
रामदास सोनी का अपना अलग इतिहास है वह अपने पिता प्रेम नारायण सोनी से आए दिन मारपीट करता था। बुढ़ापे में संपत्ति हथिया लिए जाने और घर से वंचित कर दिए जाने के कारण ट्रैक्टर चलाकर जीविकापार्जन का पालन करता था।
 

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