ओलों की मार से किसानों की कमर टूटी, माह में तीसरी बार ओलावृष्टि
ओलों की मार से किसानों की कमर टूटी, माह में तीसरी बार ओलावृष्टि
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिले के किसानों के लिए रबी का सीजन मौसम के तीखे तेवर का शिकार हो गया। महज 29 दिन में मोहखेड़ के एक बड़े हिस्से में ओलावृष्टि से किसानों की कमर टूट गई। बुधवार को अपरान्ह तीन बजे तेज बारिश के साथ मोहखेड़ के एक दर्जन से अधिक गांवों में बारिश के साथ 15 से 20 मिनट तक ओलावृष्टि हुई। बिछुआ के किसनपुर और पिपरिया कला में आंवले के बराबर तो खमरा गांव में चने के आकार के ओले गिरे। इससे गेहूं, चना की फसल के साथ सब्जी फसलों को जबरदस्त नुकसान हुआ है। उमरेठ तहसील के कुछ गांवों में हलकी बारिश हुई है।
ओलों की मार से होली हो गई बेरंग
होली की तैयारी में जुटे किसानों को बुधवार को दोपहर बाद मौसम का कहर झेलना पड़ा। मोहखेड़ विकासखंड के अधिकांश गांवों में बारिश हुई। तेज बारिश से खेतों में पककर तैयार गेहूं और चना की फसल जमीन पर गिर गई तो वहीं खेतों कटी फसल भी भीग गई। जानकारी के अनुसार सारोठ, महलपुर, लोहांगी, शक्करझिरी, मोहखेड़, मऊ, गढ़मऊ, खेड़ी, सिंगपुर, उरधन, सतनूर, छाबड़ी सहित आसपास के गांवों में लगभग 15-20 मिलट तक बेर के आकार के ओले गिरे। तेज हवा की कारण गेहूं की सूखी फसल भी जमीन पर बिछ गई।
बिछुआ में जबरदस्त नुकसान
बुधवार को बिछुआ विकासखंड किसनपुर और पिपरिया कला गांव में लगभग 30 मिनट तक आंवले के आकार के ओले गिरे। इससे दोनों गांव में फसलों का जबरदस्त नुकसान हुआ तो वहीं कच्चे मकानों की छत भी टूट गई। तेज हवा के कारण कई मकानों के खप्पर भी उड़ गए।
महीने में तीसरी बार हुआ नुकसान
फरवरी और मार्च के 29 दिनों के भीतर मोहखेड़ विकासखंड के एक बड़े में तीन बार तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि से किसानों को जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ा है। 20 फरवरी की रात 8 बजे के बाद मोहखेड़ विकासखंड के मुजावर गांव के आसपास दो दर्जन से अधिक गांव और परासिया के मोरडोंगरी क्षेत्र में लगभग एक दर्जन गांवों में ओलावृष्टि हुई थी। महज 11 दिन बाद 3 मार्च को जिले के अधिकांश हिस्सों में जबरदस्त बारिश हुई। इसी दिन बिछुआ खमारपानी, परासिया, चौरई, मोहखेड़ के उमरानाला क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई थी। खमारपानी में इतने बड़े ओले गिरे कि 1102 पक्षियों की मौत हो गई थी।