आर्थिक सशक्तिकरण के लिये महिलाओं को देंगे नई जिम्मेदारियाँ मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला स्व-सहायता समूहों के खाते में अंतरित किये 200 करोड़

आर्थिक सशक्तिकरण के लिये महिलाओं को देंगे नई जिम्मेदारियाँ मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला स्व-सहायता समूहों के खाते में अंतरित किये 200 करोड़

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-01-09 09:36 GMT
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं। इनमें स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाना एक महत्वपूर्ण कदम है। इस दिशा में निरन्तर कार्य होगा ताकि बहनें स्वयं सशक्त होकर एक सशक्त समाज की रचना में सहयोगी बनें। प्रदेश की बहनों को गरीब नहीं रहने दिया जायेगा। स्व-सहायता समूहों के गठन, उनके प्रशक्षिण, उन्हें बैंक लिंकेज दिलवाने और मार्केटिग का लाभ दिलवाकर आर्थिक लाभ प्रदान करवाने के कार्य लगातार चलेंगे। पोषण आहार तैयार करने का कार्य अब ठेकेदार नहीं बल्कि महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाएं करेंगी। इन समूहों के उत्पाद पोर्टल के माध्यम से दूसरे देशों तक जा सकेंगे। गरीबी मिटाने का यह बहुत बड़ा माध्यम होगा। इस अवसर पर मध्यप्रदेश आजीविका मार्ट का शुभारंभ भी किया गया। इस अवसर पर रतलाम के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के उद्बोधन को देखा व सुना गया। इस दौरान जिला पंचायत प्रधान श्री परमेश मईडा, सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप केरकेट्टा, जिला समन्वयक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन श्री हिमांशु शुक्ला आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में जिले के पांच महिला स्वसहायता समूहों को ऋण वितरण भी किया गया। रतलाम जिले में 23 स्वयं सहायता समूहों को 46 लाख रुपए का ऋण वितरण किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शुक्रवार को मिंटों हाल सभा कक्ष में पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्व-सहायतासमूहों के खातों में 200 करोड़ रूपये की राशि अंतरित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में इन समूहों को बड़ी, अचार और पापड़ बनाने से आगे ले जाकर नवीन गतिविधियों जैसे किचिन शेड के निर्माण, बंजर भूमि समतलीकरण, वर्क शेड निर्माण, कुँआ निर्माण, मवेशी आश्रय भवन, भण्डरण भवन और पशुपालन से भी जोड़ा जायेगा। इन नयी जिम्मेदारियों से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगी। कोई ऐसा कार्य नहीं जो हमारी बहनें नहीं कर सकतीं। कार्यक्रम में समूहों को मिली सफलता पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभाग के नवीन पोर्टल http://shgjivika.mp.gov.in/mpmart/index की भी शुरूआत की जिस के माध्यम से ग्रामों के उत्पाद के विक्रय का कार्य आसान होगा। इससे पंजीकृत समूह, शासकीय संस्थाओं और व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को विक्रय कर अधिक लाभ अर्जित कर सकेंगे। प्रदेश में 10 लाख परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में 35 लाख से अधिक ग्रामीण निर्धन परिवारों के 3 लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। प्रदेश में कुल 2237 करोड़ रूपये की राशि वितरित की जा चुकी है। देश में द्वितीय स्थान के लिये मिली बधाईयाँ मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूहों ने कोरोन संकट के समय प्रदेश में मास्क निर्माण जैसा महत्वपूर्ण कार्य किया। प्रदेश की आबादी को कोरोना वायरस से बचाने में समूहों की महिलाओं ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। इसके लिये महिला स्व-सहायता समूह की बहने बधाई की पात्र हैं। वस्तव में इन बहनों की कार्य क्षमता अभूतपूर्व है। समूहों को इस वर्ष कुल 1400 करोड़ की सहायता दी जायेगी। गतवर्ष के 175 करोड़ रूपये के वितरण के मुकबाले इस वर्ष समूहों को 883 करोड़ रूपये की राशि का वितरण किया जा चुका है। मध्यप्रदेश बीते वर्ष की तुलना में 708 करोड़ से अधिक राशि का वितरण कर देश में दूसरे स्थान पर है। इसके लिये समूहों की बहनें और पंचायत ग्रामीण विकास विभाग बधाई का पात्र है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल जिले के स्व-सहायता समूह की महिलाओं को राशि प्रदान की। प्रतीक स्वरूप 5 समूहों को राशि दी गई। राशि प्राप्त करने वालों में माया दीदी सीमा रिंकल, सुनीता अनीता, तारा, रुकमणी दीदी आदि शामिल हैं। महिलाओं को देंगे अधिक से अधिक सुविधाएं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बालिकाओं और महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सशक्त बनाने के अलावा अन्य योजनाओं के माध्यम से लाभांवित करने का कार्य किया जा रहा है। पूर्व वर्षों में विद्यालय जाने के लिये साइकिल प्रदान करने, गर्भावस्था और प्रसव के पश्चात पोषण आहार के लिये राशि, संबल योजना और लाड़ली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन से महिलाओं को लाभ मिला है। नशे के विरूद्ध अभियान में महिलाएँ बनें सहयोगी श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में मफिया के विरूद्ध अभियान छेड़ा गया है। इसके साथ ही नशे की लत से युवाओं को बचाने के लिये अनेक कदम उठाये गये हैं। महिलाएं भी बच्चों को नशे की तरफ बढ़ने से रोककर इस कार्य में सहयोगी बन सकती हैं।

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