सिकलसेल की चपेट में सतपुड़ा के आदिवासियों के बच्चे

बुलढाणा सिकलसेल की चपेट में सतपुड़ा के आदिवासियों के बच्चे

Tejinder Singh
Update: 2022-09-20 12:40 GMT
सिकलसेल की चपेट में सतपुड़ा के आदिवासियों के बच्चे

डिजिटल डेस्क, संग्रामपुर पातुर्डा बु. तहसील के आदिवासी ग्रामों में सिकलसेल बीमारी के चपेट में आदिवासी के सैकडो़ं बच्चे आने का गंभीर प्रकार उजागर हुआ हैं। अधुरी आरोग्य महकमा एवं आदिवासियों के बारे में उदासीनता यह एक प्रमुख कारण इसके लिए  साबित हो रहा हैं। तहसील के सातपुडा परिसर में वाले आलेवाडी, चिंचारी, वसाडी, सायखेड, दयाल नगर, हडीयामहाल एवं पिंगली इन ग्रामों में सिकलसेल बीमारी ने अपना असर दिखाना शुरू किया हैं। जिस कारण आदिवासी के सैकडों बच्चे  इस गंभीर बीमारी के कारण ग्रस्त हुए हैं। तहसील का एकात्मिक बाल विकास प्रकल्प एवं उस प्रकल्प के वरिष्ठ अधिकारी की गांव की ओर विगत साल से अनदेखी है। जिस कारण इस परिसर के आंगनवाडी की अवस्था बहूत खराब हुई हैं। जिला परिषद के आरोग्य विभाग व्दारा पुरी तरह से अनदेखी कि जा रही होकर वैद्यकिय  सेवा दुरापास्त हुई  हैं। सिकलसेल इस बीमारी की जांच करने के लिए कीट आरोग्य विभाग के पास उपलब्ध न होने का सामने आया हैं। एक सर्वे नुसार भिक्षु, पावरा, गोंड इन आदिवासी समाज के लड़कियों में सिकलसेल इस बीमारी का प्रमाण सब से ज्यादा होने का सामने आया हैं। बीमारी के मरीजों में शारीरिक थकान, जोड़ो का दर्द, रक्ताक्षय, आंखे पीली दिखना ऐसी शुरूआत में नजर आता हैं। ऋतु बदलने के कारण इस बीमारी की तीव्रता और बढ़ती हैं। व्यक्ति को बुखार एवं जुलाब, मतली होने पर शरीर को अतिरिक्त प्राणवायु की जरूरत होती हैं। उक्त प्रकार के लक्षण सतपुडा के आदिवासी गांवों के कई मरीजों में नजर आते हैं। आरोग्य विभाग के संबधित अधिकारियों ने तुरंत इन परिसर में विशेष शिविर का आयोजन करने की मांग आदिवासियोंव्दारा की जा रही हैं।

स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराएं 

कासम सुरत्ने, जिलाध्यक्ष ट्राइबल फोरम के मुताबिक आरोग्य विभाग की निष्क्रियता से कुपोषित छोटे बालकों को सिकलसेल बीमारी का सामना करना पड़ रहा हैं। जिला आरोग्य विभाग ने तुरंत इस आदिवासी परिसर में शिविर का आयोजन कर आरोग्य सुविधा उपलब्ध कराएं। 


स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच जारी

डा. प्रमोद रोजतकार, तहसील वैद्यकीय अधिकारी के मुताबिक तहसील के सोनाला परिसर के वसाली, सायखेड, लाडनापुर ऐसे आदिवासी परिसर में १८७ सिकलसेल वाहक एवं २७  सिकलसेल ग्रस्त मरीज हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनकी जांच की है। अगली के जांच के लिए वरवट बकाल यहां के अस्पताल में भेजा गया हैं। 

 

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