35 साल बाद बाढ़ के आगोश में रामराजा नगरी, दुकानों-होटलों में भरा पानी

35 साल बाद बाढ़ के आगोश में रामराजा नगरी, दुकानों-होटलों में भरा पानी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-03 08:28 GMT
35 साल बाद बाढ़ के आगोश में रामराजा नगरी, दुकानों-होटलों में भरा पानी

डिजिटल डेस्क, ओरछा/टीकमगढ़। 35 साल बाद रविवार की सुबह से रामराजा सरकार की नगरी चारों ओर से पानी से घिर गई। नदियों में आए उफान के कारण टीकमगढ़, झांसी सहित हर तरफ से ओरछा का सड़क संपर्क टूट गया। माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने के बढ़े जलस्तर से पर्यटन नगरी में बाढ़ जैसे हालात बन गए। संस्कृत विद्यालय तक बेतवा नदी का पानी पहुंचने से कई दुकानें डूब गईं। सड़क संपर्क टूटने से पर्यटकों में घबराहट देखी गई। प्रभावित क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन की टीमें तैनात रहीं।

दो दिन से लगी बारिश की झड़ी और माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने के कारण पर्यटन नगरी ओरछा रविवार सुबह हर तरफ से पानी की गिरफ्त में आ गई। स्थानीय लोगों के अनुसार 1983 के बाद बेतवा का इतना रौद्र रूप देखा है। 2004 में भी बाढ़ आई थी, लेकिन नगर में इतना जलभराव नहीं देखा गया था। रविवार को टीकमगढ़ मार्ग स्थित जामनी नदी का पुल पानी में डूब गया। उफनती बेतवा पुल से कई फुट ऊपर होने के साथ ही नगर की ओर बढ़ चली। सातार नदी में आई बाढ़ के कारण झांसी रोड स्थित पुल से 6 फुट ऊपर पानी पहुंच गया। इसलिए टीकमगढ़ के साथ निवाड़ी-झांसी से भी ओरछा नगर का सड़क संपर्क टूट गया।

पर्यटन नगरी के चारों तरफ बाढ़ जैसे हालात निर्मित होने से ओरछा में रुके पर्यटकों में हलचल बढ़ गई। रविवार को सुबह घर वापसी की तैयारी कर चुके पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि दोपहर बाद सातार नदी के जलस्तर कमी आना शुरू हुई। शाम को झांसी मार्ग पर यातायात बहाल हो सका।

आधा दर्जन पर्यटन स्थल जलमग्न
बेतवा में पानी बढ़ने से आधा दर्जन पर्यटन स्मारक भी जलमग्न हो गए हैं। छतरियों के आसपास के इलाके में पानी भर गया है। पर्यटन चौकी भी नदी के पानी में डूब गई है। संस्कृत विद्यालय तक बाढ़ का पानी पहुंचने से 12 से अधिक दुकानें भी बेतवा में समा गईं। नदी में आई बाढ़ को देखने के लिए भी जलभराव वाले क्षेत्रों में लोगों की भीड़ लगी रही। नगर से बाहर आवागमन बंद होने के कारण पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।

 

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