हड़ताल पर सफाईकर्मी, अस्पताल की सफाई व्यवस्था प्रभावित

हड़ताल पर सफाईकर्मी, अस्पताल की सफाई व्यवस्था प्रभावित

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-03 08:15 GMT
हड़ताल पर सफाईकर्मी, अस्पताल की सफाई व्यवस्था प्रभावित

डिजिटल डेस्क सीधी। जिला अस्पताल में दो दिन से झाड़ू नहीं लग रहा है। ठेका फर्म बदलने के बाद सात कामगारों को हटा दिए जाने से सभी सफाईकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे अस्पताल में सफाई व्यवस्था ठप्प हो गई है। दो दिन से न तो बाथरूम साफ  हुए और न ही वार्डों में झाड़ू पोंछा लगाया गया। डस्टबिनों में भी कचरा  भरा देखा गया है। अस्पताल परिसर में भी कचरा लगना शुरू हो गया है। 

जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में पिछले दिनों स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल द्वारा सफाई टेंडर कराया गया था। टेंडर को लेकर पड़े आवेदन के तहत सिद्धार्थ सिक्योरिटी सर्विस नामक फर्म को सफाई का ठेका मिलने के बाद 1 मई से ठेका फर्म द्वारा अस्पताल में सफाई का कार्य शुरू किया गया। इसके पूर्व जिला अस्पताल में सफाई का ठेका भारत सिक्योरिटी सर्विस को मिला था। बताया गया है कि इस फर्म के द्वारा 37 सफाईकर्मियों को लगाया गया था। लेकिन नया ठेका होने के बाद ठेका फर्म सिद्धार्थ सिक्योरिटी द्वारा आठ सफाई कर्मियों को यह कहकर हटा दिया गया कि वर्क आर्डर में केवल 29 कामगारों को ही रखने का आदेश दिया गया है।

निर्धारित श्रमिक संख्या के आधार पर कुल उतने को ही वेतन बजट दिया जाएगा। जिससे ज्यादा कामगारों को रखना संभव नहीं हो पाएगा। इस बात से सभी सफाईकर्मी नाराज हो गए और वह हड़ताल पर चले गए हैं। सफाईकर्मियों की मांग है कि पूर्व में कई साल से जितने सफाईकर्मी काम कर रहे थे उन सभी कर्मियों को काम पर लगाया जाय किसी को निकाला न जाय। इसको लेकर सफाईकर्मियों ने कलेक्टर से भी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन समस्या का निराकरण न होने की स्थिति में पिछले दो दिन से जिला अस्पताल में न तो झाड़ू लग पा रहा है और न ही पोंछा। सफाई न होने से अस्पताल के बाथरूम में भी गंदगी फैलने लगी है।

हालांकि अस्पताल में सफाई का ठेका भोपाल स्वास्थ्य संचालनालय से होता है। ऐसे में जिला अस्पताल प्रबंधन के पास सिर्फ काम को बेहतर करवाने के अधिकार होते हैं। वेतन जैसा हस्तक्षेप नहीं रहता है। संबंधित ठेका फर्म को टेंडर के तहत मिली राशि से लगाए गए सफाई कर्मियों को वेतन व पीएफ दिया जाता है। सफाईकर्मियों की नाराजगी और काम पर न आने से अस्पताल की सफाई व्यवस्था चरमरा सी गई है। गंदगी फैलने लगी है। 

इनका कहना है 
अस्पताल में सफाई के लिए टेंडर हुआ था जिस फर्म को टेंडर मिला उस फर्म द्वारा सफाई कर्मियों के बीच तालमेल न बना पाने की स्थिति में दो दिन से सफाई का कार्य प्रभावित चल रहा था जिसको  लेकर  संबंधित फर्म का टेंडर स्थगित करने की कार्रवाई की जा रही है। अस्पताल जैसी जगह में साफ सफाई रहना सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। इसमें लापरवाही नहीं की जा सकती है।
डा. डीके द्विवेदी सिविल सर्जन, जिला अस्पताल सीधी।

 

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