CM फडणवीस के नामांकन में आपराधिक मामलों की जानकारी न देने का मामला पहुंचा SC
CM फडणवीस के नामांकन में आपराधिक मामलों की जानकारी न देने का मामला पहुंचा SC
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा 2014 में हुए चुनाव के दौरान नामांकन के समय दिए हलफनामे में दो लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी छुपाए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। यह याचिका नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट सतीश उके ने दायर की है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री फडणवीस के खिलाफ वर्ष 1996 और 2003 में ऐसे दो अपराधिक मामले दर्ज हुए थे। इन दोनों मामले की जानकारी उन्होंने हलफनामे में नहीं दी थी। सतीश उके ने इस मामले को सिंतबर 2015 में नागपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट (फर्स्ट क्लास) के सामने उठाया था। हालांकि मजिस्ट्रेट ने इसका संज्ञान जरुर लिया, लेकिन मामला न बनने की बात कहकर आवेदन खारिज कर दिया था।
उसके बाद उके ने सेशन कोर्ट में अपील की। सेशन कोर्ट द्वरा इस मामले में फिर से विचार करने के न्यायिक मजिस्ट्रेट को आदेश दिए। जिसे मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर बेंच में चुनौती दी थी। नागपुर उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई में न्यायिक मजिस्ट्रेट के फैसले को सही मानते हुए मामला खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय के इस आदेश को उके ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। उके ने बताया कि मामले की सुनवाई के लिए अभी कोई तारीख मुकर्रर नही हुई है।
यह है मामला
2016 में मदनलाल पराते बनाम देवेन्द्र फडणवीस मामले में फडणवीस के खिलाफ आईपीसी की धारा 34 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। जबकि 2003 में आईपीसी की धारा 217, 218, 425, 420,466, 467, 468, 470, 474, 506, 109, 506 के तहत दर्ज हुआ था। इन दो मामलों की जानकारी उन्होंने हलफनामें में नहीं दी थी।