लगातार गिर रहा तापमान, सर्द हवाएं और दो दिन चलेगी

लगातार गिर रहा तापमान, सर्द हवाएं और दो दिन चलेगी

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-28 05:36 GMT
लगातार गिर रहा तापमान, सर्द हवाएं और दो दिन चलेगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लगातार गिर रहे तापमान के चलते और दो दिनों तक सर्द हवाएं परेशान कर सकती है। उत्तर भारत में जारी बर्फबारी का असर नागपुर में बरकरार है। पिछले तीन दिन से नागपुर का पारा लगातार गिर रहा है। इसमें और दो दिन तक गिरावट जारी रह सकती है। रविवार को नागपुर का न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री दर्ज किया गया। शाम को तेज हवाएं झकझोरती रही। सोमवारी की सुबह से सर्द हवाएं चलने से लोग धूप का सहारा लेते नजर आए।

हवा की गति तेज
उत्तर भारत में जारी बर्फबारी व वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के कारण नागपुर का पारा लगातार गिर रहा है। शनिवार की अपेक्षा रविवार का तापमान और कम हो गया। शनिवार को जहां न्यूनतम तापमान 15.6 डिग्री दर्ज किया गया था, वहीं रविवार को न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक पारा और गिर सकता है। रविवार रात को हवा 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली। मंगलवार को भी हवा की मार जारी रह सकती है।

शहरवासियों को अगले दो दिनों तक ठंड से निजात मिलना मुश्किल दिखाई दे रहा है। इसी तरह हवा की जो गति बनी हुई है, उससे  शीतलहर का एहसास भी होगा। उत्तर भारत व जम्मू कश्मीर में जारी बर्फबारी व उत्तर से आनेवाली हवा के कारण यहां हवा की चूभन महसूस होगी। मौसम विभाग की मानें तो सोमवार को न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री तक की कमी होने का अनुमान है।

एक्स्ट्रा नॉलेज : वेस्टर्न डिस्टर्बेंस ऐसे
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की शुरुआत उष्णकटिबंधीय तूफान से ही होती है। कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच से गुजरने वाली क्षैतिज पट्टी वाला क्षेत्र उष्णकटिबंध कहलाता है। यह हिस्सा सूर्य की किरणों से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है और धरती के सबसे गर्म हिस्से भी इसी कटिबंध में आते हैं। जब इस पट्टी में बाहर से आने वाली सर्द हवाएं पहुंचती हैं, तो उष्णकटिबंधीय तूफान आते हैं। ये तूफान भूमध्य सागर (मेडिटरेनियन सी) के उस हिस्से में उत्पन्न होते हैं जो यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप के बीच में पड़ता है और इस हिस्से को मेडिटरेनियन रीजन कहा जाता है। मेडिटरेनियन रीजन से पैदा हुआ यह तूफान काला सागर और कैस्पियन समुद्र से गुजरता हुआ भारी मात्रा में नमी लेकर भारत पहुंचता है। आमतौर पर गर्मियों में हवा का दबाव कम होने के कारण वायुमंडल की निचली परत में तेज हवाएं चलती हैं और ये तूफान हिमालय के ऊपर ही ऊपर निकल जाते हैं। लेकिन सर्दियों हवा का दबाव ज्यादा होता है तो ये तूफान हिमालय के नीचे से गुजरता है और भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में बारिश करवाता है। इस तरह पश्चिम यानी यूरोप से आने वाली हवाएं जो हमारे देश का मौसम कुछ समय के लिए बदल देती हैं, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस कहलाती हैं।

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