जुलाई, सितंबर व अक्टूबर में हुई फसल बर्बादी का एक साथ मिलेगा मुआवजा 

जुलाई, सितंबर व अक्टूबर में हुई फसल बर्बादी का एक साथ मिलेगा मुआवजा 

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-09 08:50 GMT
जुलाई, सितंबर व अक्टूबर में हुई फसल बर्बादी का एक साथ मिलेगा मुआवजा 

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  जिले में 10,860 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल का नुकसान हुआ है, जिसमें से 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का पंचनामा प्रशासन की तरफ से तैयार किया गया है। इन पंचनामों को ग्राम सभा में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। जिले में हुई बेमौसम बारिश से धान, कपास, सोयाबीन का नुकसान हुआ है। 10860 हेक्टेयर में से 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुई फसल नुकसान के पंचनामे तैयार हो चुके हैं। जिले में 778 स्थानों पर होनेवाली ग्राम सभा में ये पंचनामे मंजूरी के लिए रखे जाएंगे। 11, 12 व 13 नवंबर को ग्राम सभाएं होगी आैर वहां से मंजूरी के बाद पंचनामे व रिपोर्ट जिलाधीश के पास पहुंचेगी। जुलाई में 3,993 व सितंबर में 21,963 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बर्बाद हुई थी। अतिवृष्टि से पीड़ित किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। प्रशासन की तरफ से अब जुलाई, सितंबर व अक्टूबर में हुई फसल बर्बादी की रिपोर्ट 15 नवंबर के पहले एक साथ सरकार को भेजी जाएगी। जिन किसानों का फसल बीमा नहीं, उन्हें भी सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी। 

अवकाश के दिन भी होगा काम
 9 व 10 नवंबर को भले ही शासकीय अवकाश है, लेकिन फसल बर्बादी का सर्वे व पंचनामे बनाने का काम जारी रहेगा। वरिष्ठ अधिकारी इन कामों की समीक्षा करते रहेंगे। 11 नवंबर तक पंचनामे का 100 फीसदी काम पूरा करने के निर्देश जिला प्रशासन की तरफ से अधिकारियों को दिए गए है। राजस्व, कृषि व पंचायत समिति के संबंधित अधिकारी फसल बर्बादी के पंचनामे का काम अवकाश के दिन भी करेंगे। 

काम पूरा हो चुका हैं
9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुई फसल बर्बादी के पंचनामे तैयार हो चुके हैं। एक दो दिन में बचे हुए पंचनामे तैयार करने का काम पूरा हो जाएगा। ग्राम सभा में सभी पंचनामे रखकर इसे मंजूरी ली जाएगी। सरकार को तय समय पर ही रिपोर्ट भेजी जाएगी। प्रभावित किसानों को कितनी मदद मिलेगी, यह सरकार तय करेगी। 
-रवींद्र ठाकरे, जिलाधीश नागपुर

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