टि्वटर और वॉट्स अप पर मिल रहीं ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की शिकायतें
टि्वटर और वॉट्स अप पर मिल रहीं ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की शिकायतें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सोशल मीडिया पर मिलने वाली शिकायतों और सूचनाओं का रिकॉर्ड 6 महीने तक रखा जाता है। टि्वटर के अलावा वॉट्स अप पर भी यातायात नियमों के उल्लंघन की मिलने वाली शिकायतों को ट्रैफिक पुलिस गंभीरता से ले रही है। यातायात शाखा उपायुक्त राजतिलक रोशन के मुताबिक ट्रैफिक नियमों को लेकर अक्सर लापरवाही बरती जाती है। हमारी लापरवाही से दूसरे वाहनचालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए यातायात नियंत्रण एवं संचालन को हाइटेक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य रास्ते पर चलने वाले युवाओं और वाहनचालकों को नैतिक एवं सामाजिक दायित्व का अहसास कराने का है, ताकि यातायात व्यवस्था बेहतर की जा सके।
नैतिक एवं सामाजिक दायित्व जरूरी
इस साल जनवरी से नवंबर के बीच ट्रैफिक पुलिस के वॉट्स अप नंबर 9011387100 पर करीब 3520 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन सभी शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए इनका निराकरण भी कर दिया गया है। जुलाई और अगस्त माह में स्कूल और कॉलेज की गतिविधियां बढ़ जाती हैं। इस दौरान रैश ड्राइविंग, सिग्नल जंप की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस को इन दो महीनों में शिकायतें भी अधिक प्राप्त हुई हैं। जुलाई माह में 367 और अगस्त माह में 495 शिकायतें वॉट्स अप पर मिली हैं। पिछले साल अगस्त से दिसंबर 2017 के बीच 360 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इस कालावधि में भी क्रिसमस से लेकर नए साल के बीच 10 दिनों में नियमों के उल्लंघन के अधिक मामले मिले हैं। दिसंबर माह में सर्वाधिक 121 शिकायतें मिलीं थीं जबकि 5 महीने में कुल शिकायतें 239 थीं।
शुरू होगी वन नेशन वन चालान की प्रक्रिया
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन मामले में सिटी ऑपरेशन सेंटर से चालान भेजने की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। कैमरा इमेज के आधार पर शिकायतों को संबंधित जोन में भेजकर चालान को तैयार कर डाक से संबंधित व्यक्ति के घर भेजा जा रहा है। आरटीओ रिकॉर्ड में गलत अथवा पुराना पता होने पर दिक्कत होती है। इस समस्या को देखते हुए 22 सितंबर से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज के रूप में चालान की जानकारी दी जा रही है। हालांकि ज्यादातर लोग इस चालान का भुगतान नहीं करते हैं। इसके लिए भी अब ट्रैफिक पुलिस जल्द ही वन नेशन वन चालान प्रक्रिया को शुरू करने जा रही है।
चालान के मोबाइल पर मिलने के बाद भुगतान नहीं करने पर दोषी को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बगैर चालान भरे चालक अपने वाहन का बीमा नवीनीकरण नहीं कर पाएगा। इतना ही नहीं अपने ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण से पहले अनिवार्य रूप से दंड का भुगतान करना होगा। अगले 6 माह में आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स को भी साकार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में फैंसी नंबर प्लेट, ट्रिपल सीट, रांग साइट, ओवर स्पीडिंग, बगैर हेलमेट और रेड लाइट जंप करने वाले की सीसीटीवी में दर्ज इमेज को वर्गीकरण करने का काम साफ्टवेयर करेगा। इसके बाद अलग-अलग मामलों के लिए चालान को भी आटोमैटिक रूप में तैयार कर मोबाइल मैसेज में भेज देगा।
तकनीक से सुधरेगी यातायात व्यवस्था
कुछ माह पहले ही 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी राजरत्न रोशन ने यातायात उपायुक्त (ट्रैफिक डीसीपी) के रूप में पदभार संभाला है। मूल रूप से बिहार के राजरत्न ने 2007 में आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रॉनिक एन्ड इलेक्ट्रिक कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। करीब पांच साल निजी कंपनी के सहयोग से विदेश में सेवा दे चुके हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में वसई-विरार में सेवा के दौरान यातायात व्यवस्था की खामियों और समाधान को लेकर प्रत्यक्ष काम करने का मौका मिला। उपराजधानी में यातायात उपायुक्त के रूप में नियुक्ति मिलने पर गंभीर समस्या खड़ी थी।
इस दौरान शहर में सीसीटीवी कैमरों से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की निगरानी जारी थी। बावजूद इसके यातायात व्यवस्था में कुछ खास सुधार की गुंजाइश नहीं दिखाई दे रही थी। इसके पीछे की प्रमुख वजह परिवहन कार्यालय से मिलने वाला रिकॉर्ड होता था। परिवहन कार्यालय के रिकॉर्ड में कई बार दोषी का स्पष्ट पता और जानकारी नहीं मिल पाती थी। इस लिहाज से उपायुक्त राजरत्न रोशन ने अपनी शिक्षा के अनुभव से प्रयोग करना आरंभ कर दिया है। जल्द ही शहर की यातायात व्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स का इस्तेमाल साकार होता नजर आएगा।
तीन चरण में निगरानी
1 सीसीटीवी निगरानी- शहर के 700 जंक्शन में 3300 कैमरा
2 रोड पर पुलिसकर्मी- 8 जोन में 650 पुलिसकर्मी 25 दलों के साथ
3 टि्वटर अकाऊंट/वाट्सअप नंबर 9011387100 पर सीधे नागरिकों की शिकायत