नई सरकार सह पाएगी क्या शिवराज की घोषणाओं का बोझ? योजनाओं के लिए चाहिए 500 करोड़

नई सरकार सह पाएगी क्या शिवराज की घोषणाओं का बोझ? योजनाओं के लिए चाहिए 500 करोड़

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-14 09:00 GMT
नई सरकार सह पाएगी क्या शिवराज की घोषणाओं का बोझ? योजनाओं के लिए चाहिए 500 करोड़

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार का गठन होने जा रहा है। इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। चुनावी मौसम में जी तरह पूर्व मुखिया शिवराज सिंह
चौहान ने घोषणाओं की बौछार की उन्हें पूरा करने की चुनौती अब नई सरकार पर आएगी, जो स्वाभाविक भी है। वहीं जिले से जीते सत्ता दल के चार विधायकों के लिए ये चुनौतियां उनका आगे का भविष्य भी तय करेंगी। कांग्रेस के घोषणा पत्र में भले ही इनका उल्लेख न हो, लेकिन 500 करोड़ की घोषणाएं और बजट की चुनौती से इन्हें जूझना पड़ेगा। इन घोषणाओं में मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय एवं अधर में लटके एनटीपीसी प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसके अलावा बुंदेलखंड के किसानों के लिए वरदान कही जाने वाली केन बेतवा प्रोजेक्ट को धरातल पर लाना सबसे बड़ी चुनौती होगी।

मुद्दा था कांग्रेस का
प्रदेश के पूर्व मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव के ठीक एक माह पहले छतरपुर में लगातार चल रहे जन आंदोलन को शांत करने कैबनेट की बैठक कर यहां मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा कर दी। भाजपा ने कांग्रेस से चुनाव के पहले इस मुद्दे को छीन लिया। उल्लेखनीय है कि आंदोलन के दौरान ही विधायक बने आलोक चतुर्वेदी के कहने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने छतरपुर प्रवास के दौरान इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने का ऐलान कर दिया था, तब भाजपा में खलबली मची और बात सरकार के मुखिया तक पहुंची, तब उन्होंने मेडिकल कॉलेज की घोषणा कर यह मुद्दा कांग्रेस से छीन लिया था। लगभग 300 करोड़ का यह प्रोजेक्ट अब कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि सर्वसुविधायुक्त नया जिला अस्पताल भवन बनकर तैयार हो चुका है तथा चौहान इसका लोकार्पण भी कर चुके हैं। आगे की चुनौती अब सत्ता दल की होगी।

पॉवर प्रोजेक्ट की उम्मीद बढ़ी
लगभग 5 साल पहले जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बरेठी में एनटीपीसी प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। इसके लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण भी किया गया, लेकिन यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया। ऐसा कहा जाता है कि पर्यावरण विभाग से इस प्रोजेक्ट की क्लीयरेंस नहीं मिली।
उल्लेखनीय है कि यह प्रोजेक्ट न सिर्फ छतरपुर बल्कि पूरे बुंदेलखंड के सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। जिससे यहां के युवाओं की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार की आशाएं जुड़ी हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अब विधायक बन गए आलोक चतुर्वेदी ने इस प्रोजेक्ट को चालू कराने अपने वचन पत्र में शामिल किया था। अब देखना है कि वो इसे आगे बढ़ाने में कितना सफल होते हैं।

 

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