कांग्रेस में अंदरूनी हलचल : दो बार चुनाव हारने वालों को नहीं बनाएगी उम्मीदवार

कांग्रेस में अंदरूनी हलचल : दो बार चुनाव हारने वालों को नहीं बनाएगी उम्मीदवार

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-30 06:10 GMT
कांग्रेस में अंदरूनी हलचल : दो बार चुनाव हारने वालों को नहीं बनाएगी उम्मीदवार

डिजिटल डेस्क,नागपुर। विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार को लेकर राजनीतिक दलों में अंदरूनी हलचल शुरू हो गई है। इच्छुक उम्मीदवार अपनी दावेदारी को आगे बढ़ाने के लिए विविध स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। गुटबाजी के नुकसान से बचने के लिए कांग्रेस में एकजुटता का आह्वान तो किया जा रहा है, लेकिन अन्य दावेदारों के मार्ग में बाधा लाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस में एक मांग यह भी उठने लगी है कि दो बार चुनाव हारनेवालों को विधानसभा के लिए उम्मीदवार न बनाया जाए। इस मांग को लेकर प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। यह प्रस्ताव प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोरात को सौंपा जाएगा। संकेत दिया जा रहा है कि इस प्रस्ताव को लेकर मुंबई से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस के गुट का प्रदर्शन होगा। 

अनीस अहमद, चतुर्वेदी, ठाकरे ऐसे नेताओं में शामिल

कांग्रेस की टिकट पर लगातार दो बार चुनाव हारनेवालों में पूर्व मंत्री अनीस अहमद, सतीश चतुर्वेदी, विकास ठाकरे प्रमुखता से शामिल हैं। मांग समर्थन में कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ही यह निर्णय अमल में लाया। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में नए दावेदार को अधिक संख्या में उम्मीदवार बनाया गया। दो बार चुनाव हारनेवालों को संगठन कार्य में लगाया गया। इस निर्णय का चुनाव में पार्टी को लाभ भी मिला। राज्य में भी ऐसा निर्णय लेने के संबंध में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने पेशकश की थी। 

बैठक में भी बात सामने आई

बताया जा रहा है कि दो बार चुनाव हारनेवालों को उम्मीदवार नहीं बनने देने की मांग के साथ प्रस्ताव पर चर्चा के लिए रामदासपेठ में एक बैठक भी हुई है। नितीन कुंभलकर, नरेंद्र जिचकार, तानाजी वनवे जैसे कांग्रेस नेता इस प्रस्ताव के समर्थन में हैं। गणेशोत्सव के दौरान इस मांग को लेकर यहां के नेता मुंबई दिल्ली के दौरों पर निकल सकते हैं। इस मामले पर नरेंद्र जिचकार ने कहा है कि कांग्रेस जिस स्थिति से गुजर रही है उसमें निष्ठावान कार्यकर्ताओं की ओर से अलग-अलग मत अाते रहते हैं। यह भी सही है कि ज्यादातर कार्यकर्ता चाहते हैं कि नए दावेदारों को उम्मीदवार बनाया जाए। जिचकार यह भी कहते हैं कि किसी व्यक्ति विशेष का विरोध नहीं किया जाना चाहिए। सबको सहमति से साथ लेकर चलने पर ही कांग्रेस की ताकत बढ़ेगी। 

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