एसडीएम के पद को लेकर विवाद  - लेक्टर ने नोटिस जारी कर कुर्सी पर बैठने पर जवाब मांगा

एसडीएम के पद को लेकर विवाद  - लेक्टर ने नोटिस जारी कर कुर्सी पर बैठने पर जवाब मांगा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-26 08:19 GMT
एसडीएम के पद को लेकर विवाद  - लेक्टर ने नोटिस जारी कर कुर्सी पर बैठने पर जवाब मांगा

डिजिटल डेस्क छतरपुर । सदर एसडीएम पद को लेकर दो डिप्टी कलेक्टरों और कलेक्टर के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाईकोर्ट का आदेश लेकर घूम रहे अनिल सपकाले सदर एसडीएम की ताजपोशी के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं। उधर कलेक्टर मोहित बुंदस केके पाठक को सदर एसडीएम पद से हटाना नहीं चाहते हैं। दोनों ही पक्ष हाईकोर्ट के आदेश की व्याख्या अपने अनुसार कर रहे हैं। सोमवार को अनिल सपकाले कलेक्ट्रेट टीएल बैठक में शामिल होने पहुंचे। इसकी जानकारी लगते ही केके पाठक एसडीएम ऑफिस पहुंच गए। यहां वे करीब 10 मिनट तक बैठने के बाद वहां से चले आए। एसडीएम कक्ष के बाहर लगी नेमप्लेट भी हट गई है।
कलेक्टर मोहित बुंदस का तर्क-अगर एसडीएम का चार्ज दिया तो यह नजीर बन सकता है... 
कलेक्टर मोहित बुंदस का तर्क है कि एसडीएम का चार्ज उनके कार्य विभाजन का विशेषाधिकार है। अगर वे हाईकोर्ट के आदेश के पालन में सपकाले को एसडीएम का चार्ज दे देंगे तो यह हमेशा के लिए नजीर बन जाएगा। 13 अगस्त को मिले हाईकोर्ट के स्टे पर उनका कहना है कि इसमें लिखा था कि उसी स्थान पर ज्वाइन कराएं। ऐसे में सपकाले को छतरपुर में ज्वाइन कराया है मुख्यालय के बाहर नहीं भेजा है। लेकिन इसके बाद हाईकोर्ट ने अगले आदेश में यह भी साफ कर दिया है कि अनिल सपकाले को उसी पद पर ज्वाइन कराया जाए, जिस पद की हैसियत से काम करते हुए उन्होंने याचिका प्रस्तुत की है। लेकिन कलेक्टर कार्य विभाजन को अपना अधिकार मानते हुए हाईकोर्ट के आदेश की सिर्फ इतनी ही व्याख्या कर रहे हैं। साथ ही आदेश स्पष्ट नहीं होने का तर्क भी दे रहे हैं। 
एसडीएम ऑफिस में फिर गरमाया माहौल : आज पाठक बैठे कुर्सी पर
सोमवार की सुबह 11 बजे अनिल सपकाले कलेक्ट्रेट में होने वाली टीएल बैठक में शामिल होने पहुंचे। यहां जब वे टीएल बैठक में थे तो एसडीएम केके पाठक तहसील पहुंच गए। यहां उन्होंने एसडीएम की सीट पर बैठकर कार्य किया। करीब 10-15 मिनट के बाद वे वहां से निकल कर सर्किट हाउस पहुंचे। जहां से सपकाले से भी मिले। अब सूत्रों की मानें तो अनिल सपकाले और केके पाठक में इस बात को लेकर राजीनामा हो गया है कि कोर्ट के अंतिम आदेश की प्रतीक्षा करें और हाईकोर्ट जो फैसला देगा उसे वे दोनों मान्य कर लेंगे। उधर टीएल बैठक में सबका ध्यान सपकाले पर था।
कलेक्टर ने शासन को सपकाले के खिलाफ पत्र लिखा, वहीं सपकाले ने भी जवाब दिया
कलेक्टर ने बताया कि डिप्टी कलेक्टर अनिल सपकाले के आचरण के विरुद्ध शासन को पत्र लिखा है। उधर कलेक्टर द्वारा अनिल सपकाले को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि वे एसडीएम आफिस छतरपुर में बैठकर जनता और कार्यालय का कार्य प्रभावित कर रहे हैं। जबकि छतरपुर एसडीएम के पद पर केके पाठक ही पदस्थ हैं। कलेक्टर ने इस कार्य को सिविल सेवा नियम के खिलाफ माना है। 23 नवंबर को जारी कारण बताओ नोटिस क्रमांक 623/स्थापना/2019 का जवाब 24 घंटे में प्रस्तुत करने का आदेश देते हुए कलेक्टर ने स्वीकार किया कि 2 अगस्त को शासन के आदेश पर सागर के लिए एकतरफा रिलीव किया गया था। 13 अगस्त को हाईकोर्ट ने इस आदेश पर स्थगन दिया है। 16 अगस्त को अनिल सपकाले ने उपस्थिति दी थी। स्थगन आदेश के पालन में कलेक्टर ने 22 अगस्त और 26 अगस्त को संशोधित आदेश के द्वारा कार्य विभाजन कर नया कार्य सौंपा गया। कलेक्टर ने अपने नोटिस में लिखा है कि 6 सितम्बर को हाईकोर्ट ने उसी स्थान पर पदस्थ करने का आदेश दिया। इस पर आपको मुख्यालय पर ही पदस्थ किया गया है। इसके बाद भी छतरपुर एसडीएम पद पर पदस्थ न किए जाने पर सपकाले ने कलेक्टर के विरुद्ध अवमानना का आवेदन दिया गया। इस पर हाईकोर्ट ने 19 नवम्बर को आदेश जारी किया। इस आधार पर 22 नवम्बर को जब एसडीएम केके पाठक शासकीय कार्य से बाहर थे तब एसडीएम आफिस जाकर पदभार ग्रहण किया और प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। कलेक्टर ने नोटिस में लिखा कि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
 

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